संबित पात्रा की फिसली जुबान, भगवान जगन्नाथ को बताया मोदी का भक्त; माफी मांगी
संबित पात्रा ने कहा, ‘एक बयान के दौरान गलती से मैंने ठीक इसके विपरीत कह दिया, मुझे पता है कि आप भी इसे जानते और समझते हैं, इसे मुद्दा न बनाया जाए, हम सभी की जुबान कभी-कभी फिसल जाती है।’
ओडिशा में पुरी लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार संबित पात्रा की ‘भगवान जगन्नाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भक्त’ बताने वाली टिप्पणी के बाद विवाद भड़क उठा है। हालांकि, पात्रा ने बाद में स्पष्ट किया कि यह सिर्फ जुबान फिसलने के कारण हुआ और वह यह कहना चाहते थे कि प्रधानमंत्री भगवान जगन्नाथ के परम 'भक्त' हैं।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को भाजपा से भगवान जगन्नाथ को राजनीति में न घसीटने की अपील की। पटनायक ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में ओडिया ‘अस्मिता’ को ठेस पहुंचाने के लिए पात्रा की आलोचना की। उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘महाप्रभु श्रीजगन्नाथ ब्रह्मांड के स्वामी हैं। महाप्रभु को दूसरे इंसान का 'भक्त' कहना भगवान का अपमान है, यह पूरी तरह निंदनीय है। इससे भावनाएं आहत हुई हैं और दुनियाभर में करोड़ों जगन्नाथ भक्तों तथा ओड़िया लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है।’
पटनायक ने कहा, ‘भगवान ओड़िया अस्मिता के सबसे बड़े प्रतीक हैं। मैं इस बयान की कड़ी निंदा करता हूं और मैं भाजपा से अपील करता हूं कि वह भगवान को किसी भी राजनीतिक चर्चा में शामिल न करे। ऐसा करके आपने ओडिया अस्मिता को गहरी चोट पहुंचाई है और इसे ओडिशा के लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।’
पात्रा ने मुख्यमंत्री के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘हम सभी की जुबान कभी-कभी फिसल जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘आज पुरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के रोड शो की भारी सफलता के बाद मैंने कई मीडिया चैनलों को कई बयान दिए, हर जगह मैंने उल्लेख किया कि मोदी जी श्रीजगन्नाथ महाप्रभु के परम 'भक्त' हैं।’ पात्रा ने कहा, ‘एक बयान के दौरान गलती से मैंने ठीक इसके विपरीत कह दिया, मुझे पता है कि आप भी इसे जानते और समझते हैं, इसे मुद्दा न बनाया जाए, हम सभी की जुबान कभी-कभी फिसल जाती है।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी भाजपा उम्मीदवार के बयान की निंदा की। उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘मैं भाजपा नेता के इस बयान की कड़ी निंदा करता हूं। वे सोचने लगे हैं कि वे भगवान से ऊपर हैं। यह अहंकार की पराकाष्ठा है। भगवान को मोदी जी का भक्त कहना भगवान का अपमान है।’