जब सुब्रत रॉय के घर पर जश्न की वजह से थम गया था बॉलीवुड में कामकाज, भीड़ में खो गए थे अनिल अंबानी
सहारा श्री के बेटों की शादी के निमंत्रण कार्डों पर मैग्नेट का विशेष सुरक्षा चिप्स लगाया गया था, जिसकी मदद से मेहमानों को प्रवेश दिया जा रहा था। एक कार्ड से दो व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति थी।
बात 2004 की है। सहारा श्री सुब्रत रॉय अपने दोनों बेटों सुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय की शादी कर रहे थे। बड़े बेटे सुशांतो की शादी 10 फरवरी को थी, जबकि छोटे बेटे सीमांतो की शादी 14 फरवरी को थी। बड़े बेटे की शादी में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी वर-वधू को आशीर्वाद देने पहुंचे थे। प्रधानमंत्री के अलावा हफ्ते भर चलने वाले इस शादी समारोह में राजनीति, उद्योग, खेल, मनोरंजन और मीडिया समेत कई क्षेत्रों की जानी-मानीं हस्तियां पहुंची थीं।
सहारा श्री के बेटों की शादी को भव्य बनाने के लिए कलाकारों और खिलाड़ियों की लंबी फौज लखनऊ के सहारा शहर में आई थी। रोज कोलकाता, मुंबई और दिल्ली से सहारा के चार्टर प्लेन उड़ान भर रहे थे और मेहमानों को लखनऊ पहुंचा रहे थे। मुंबई में हालात ऐसे थे कि पूरे बॉलीवुड ने 10 और 14 फरवरी को फिल्मों की शूटिंग रोक दी थी। इसके पीछे की वजह यह थी कि सभी बड़े फिल्म अभिनेता और अभिनेत्री समेत गायक और वाद्य यंत्रों के संचालक और फिल्मों की शूटिंग करने वाले कैमरामैन, टेक्नीशियन और निर्देशक उस दिन लखनऊ में थे और सुब्रतो रॉय के बेटों की शादी की शूटिंग कर रहे थे।
सहारा श्री ने अपने बेटों की शानदार शादी को सेल्युलाइड पर कैद करने का जिम्मा फिल्म निर्माता राज कुमार संतोषी को दिया था। 10 फरवरी को प्रधानमंत्री वाजपेयी करीब 90 मिनट तक शादी समारोह में रहे थे। वाजपेयी के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, मुलायम सिंह यादव, लालू यादव, अमर सिंह समेत कई राजनीतिक दिग्गज और फिल्मी सितारे वहां मौजूद थे। अमिताभ बच्चन पूरे परिवार के साथ, राजकपूर खानदान और राजगोपाल वर्मा भी अपनी यूनिट के साथ शादी में शामिल हुए थे। तब करीब 10,500 मेहमान लखनऊ आए थे। इन लोगों को लाने के लिए सहारा के 14 चार्टर प्लेन लगाए गए थे।
शादी में शामिल होने वाले अन्य प्रसिद्ध लोगों में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उत्तर प्रदेश के तब के राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री, भाजपा नेता कल्याण सिंह, कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार, वसंत साठे, सुरेश कलमाड़ी, प्रमोद महाजन, शिबू सोरेन, पूर्व राज्यपाल रोमेश भंडारी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी बीजेपी अध्यक्ष विनय कटियार और बसपा प्रमुख मायावती भी थीं।
कॉर्पोरेट जगत से परमेश्वर और आदि गोदरेज, राजन नंदा, सुनील मित्तल, ललित सूरी, हर्षवर्द्धन नेवतिया, विवेक बर्मन, ललित खेतान, गीतांजलि किर्लोस्कर और लॉर्ड स्वराज पॉल शामिल थे। टाटा और बिड़ला ग्रुप की तरफ से कोई मेहमान शामिल नहीं हुआ था।
व्यवस्था के सफल संचालन और निगरानी के लिए सहारा परिवार ने अपने 4,000 कर्मचारियों सहित कुल सात हजार लोगों को तैनात किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उस शाही शादी पर 550 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। रॉय ने घोषणा की थी कि उनकी कंपनी सप्ताह भर चलने वाले शादी समारोहों में देश भर में 1,40,000 भिखारियों को खाना खिलाएगी। इसके अलावा, सहारा समूह के तत्वावधान में 101 गरीब कन्याओं की शादियाँ भी आयोजित की जाएंगी। इनमें से प्रत्येक शादी के लिए 100,001 रुपये निर्धारित किए गए थे।
पूरा लखनऊ शहर मेहमानों से पटा था। सभी टू-स्टार होटल मेहमानों के लिए बुक कराए गए थे। शहर में इससे पहले कभी भी इतनी संख्या में मर्सिडीज बेंज कारें नहीं देखी गई थीं। कथित तौर पर समूह ने विभिन्न कार्यों के लिए कम से कम 100 लिमोसिन कार किराए पर लिए थे। इनके अलावा सहारा के हेलीकॉप्टर लखनऊ हवाई अड्डे और सहारा शहर हेलीपैड के बीच लगातार उड़ान भर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शादी और बारात की भीड़ में रिलायंस समूह के अनिल अंबानी खो गए थे, जिन्हें ढूंढ़ने में अमिताभ बच्चन समेत कई सुरक्षा अधिकारी और व्यवस्थापक बेचैन हो गए थे। अंबानी इस शादी में बारातियों और मेहमानों का स्वागत कर रहे थे।
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