रूस के अमीरों ने गोवा आना बंद कर दिया, अब दुबई जा रहे; पर्यटन मंत्री कराएंगे स्टडी
गोवा को सऊदी अरब जैसी डेस्टिनेशन का उदाहरण लेना चाहिए, जो नई पर्यटन सेवाओं और परियोजनाओं के जरिए आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा,
रूस के अमीरों ने गोवा आन बंद कर दिया है। वे भारत आने के बजाय संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दुबई जाना पसंद कर रहे हैं। गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा को यह जानकारी दी। पर्यटन मंत्री ने कहा कि गोवा के बजाय दुबई अधिक खर्च करने वाले रूसी पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थान बन गया है। उन्होंने कहा कि राज्य को इस बदलाव के पीछे के कारणों को समझने और अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे उभरते बाजारों का अध्ययन करने की जरूरत है, जहां आउटबाउंड पर्यटन बढ़ रहा है।
मंत्री ने कहा कि गोवा को सऊदी अरब जैसी डेस्टिनेशन का उदाहरण लेना चाहिए, जो नई पर्यटन सेवाओं और परियोजनाओं के जरिए आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, "अधिक खर्च करने वाले रूसी पर्यटक दुबई में पाए जाते हैं। उन्हें गोवा आना चाहिए लेकिन उन्होंने गोवा आना बंद कर दिया है। हमें स्टडी करने की जरूरत है कि क्या हुआ। राज्य जानना चाहता है कि असल में क्या गलत हुआ जिसके कारण वे दुबई जैसी डेस्टिनेशन की ओर मुड़ रहे हैं।''
उन्होंने कहा कि तटीय राज्य गोवा अपने मोपा में स्थित नए मनोहर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के चालू होने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि कर सकता है। यह राज्य का दूसरा हवाई अड्डा है। पर्यटन मंत्री और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने 10 अगस्त को विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की योजना बनाई है, ताकि अनुरोध किया जा सके कि नए हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए नामित किया जाए।
उन्होंने कहा, "हमने बीचेस से परे गोवा के बारे में बात करना शुरू कर दिया है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए हर अवसर का इस्तेमाल करना होगा कि अर्थव्यवस्था बढ़े और रोजगार पैदा हो।" पर्यटन मंत्री ने केरल को एक सफल उदाहरण बताते हुए पर्यटकों के आगमन के मामले में "क्वांटिटी से अधिक क्वालिटी" पर ध्यान केंद्रित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य की समुद्री पर्यटन नीति तैयार हो रही है, जिसका लक्ष्य वास्को में बंदरगाह और हवाई अड्डे की निकटता का लाभ उठाकर क्रूज जहाजों की संख्या में वृद्धि करना है।