रक्षा बंधन विशेष: जब भाई की तीमारदारी करते-करते बहन शादी करना ही भूल गई
एक बहन ने अपने भाई की जिंदगी बचाने के लिए सबकुछ त्याग कर दिया। बोकारो के सेक्टर-4 की रहने वाली कविता माधवन (40) भाई की तीमारदारी में इतनी व्यस्त हो गई कि शादी करना तक भूल गई। 2004 में केरल में रहते...
एक बहन ने अपने भाई की जिंदगी बचाने के लिए सबकुछ त्याग कर दिया। बोकारो के सेक्टर-4 की रहने वाली कविता माधवन (40) भाई की तीमारदारी में इतनी व्यस्त हो गई कि शादी करना तक भूल गई। 2004 में केरल में रहते समय कविता माधवन के भाई मनोज (38) ट्रक की चपेट में आ गए थे। शरीर की कई पसलियां और रीढ़ की हड्डी टूट गई । भाई के साथ हादसा होने के बाद कविता उनकी सेवक बनीं। कविता ने बताया कि दुर्घटना के बाद भाई बेड से उठ भी नहीं सकता था। लगातार इलाज के वावजूद मनोज 2012 तक बेड पर ही रहे। उन दिनों में बहन कविता ने साथ रहकर सेवा की। हर प्रकार की परेशानियों से बचाया। आज पंकज व्हील चेयर पर घूम सकते हैं।
कविता के पिता बोकारो इस्पात संयंत्र में कार्यरत थे। भाई पंकज व कविता की पढ़ाई बोकारो में ही हुई थी। बोकारो से सेवानिवृत्त होने के बाद कविता के पिता केरल जा बसे। वहां 2004 में पकंज की दुर्घटना हो गई। पंकज की दुर्घटना के बाद बहन कविता ने अर्थिक रूप से मदद शुरू की। बोकारो में शिक्षिका के रूप में काम करने वाली कविता ने बताया कि रक्षाबंधन मेरे लिए खास है। हम एक भाई व एक बहन हैं। ऐसे में भाई की पूरी जिम्मेवारी मेरे ऊपर है।