Hindi Newsदेश न्यूज़problems of China and Pakistan will increase on border preparations for laying a network of tunnels in the Himalaya - India Hindi News

सीमा पर बढेंगी चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें, हिमालय के पहाड़ों में सुरंगों का जाल बिछाने की तैयारी

इसके अलावा बनिहाल-काजीकंड (8.45 किलोमीटर), जेड-मोड सुरंग (6.5 किलोमीटर) आदि सुरंग परियोजनाएं सीमा तक आसान पहुंच बनाएंगी। सरकार कुल 24 निर्माणधीन सुरंग परियोजनाओं पर भी काम कर रही है।

Himanshu Jha अरविंद सिंह, हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।Sun, 3 July 2022 06:27 AM
share Share

केंद्र सरकार पाकिस्तान और चीन सीमा को सुरक्षित बनाने के लिए हिमालय के पहाड़ों में सुरंगों का जाल बिछाने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित पूर्वोत्तर राज्यों में वर्ष 2026 तक 271 किलोमीटर लंबी ऑल वेदर सुरंगों का निर्माण किया जाएगा।

उक्त परियोजनाओं में श्रीनगर, लेह-लद्दाख में 35 किमी लंबी सुरंगों सहित पूर्वोत्तर में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे रेल-रोड सुरंग बनाई जाएंगी। यह सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इससे सैन्य वाहन, रसद, गोला-बारूद, सैनिक दुर्गम हिमायल पहाड़ियों को आसानी से पार कर सीमा तक पहुंच सकेंगे। साथ ही क्षेत्रीय निवासियों का भी जीवन सुलभ बनेगा।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों में 30.71 किमी लंबी सुरंगों का निर्माण किया जा चुका है। इनमें यातायात भी शुरू कर दिया गया है जबकि 107.26 किमी सुरंग परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने 133.93 नई सुरंग परियोजनाएं शुरू करने का फैसला किया है।

इन परियोजनाओं की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। अधिकारी ने बताया कि सरकार ने सभी सुरंग परियोजानाओं को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इन परियोजनाओं पर लगभग 2.75 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

प्रमुख परियोजनाएं :
जिन प्रमुख परियोजनाओं पर काम किया जाना है उनमें सिक्कम में लाचुंग ला पास में 14.50 किमी लंबी सुरंग, आइजोल में 2.50 किमी लंबी सुरंग, लद्दाख में तांगलांग ला पास में 9 किमी लंबी सुरंग, हिमाचल-लद्दाख के बार्डर पर शिंकुला पास में 12 किमी लंबी सुरंग, असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे लगभग नौ किलोमीटर लंबी तीन सुरंग (एक रेल और दो सड़क सुरंग) शामिल हैं। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इन परियोजनाओं की डीपीआर तैयार की जा रही है। इनमें हिमाचल प्रदेश में सात सुरंग परियोजनाएं शामिल हैं।

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड में सात सुरंग परियोजनाएं बोली प्रक्रिया में हैं। इसमें उत्तराखंड में चारधाम परियोजना में भी एक सुरंग बनाना शामिल है। अधिकारी ने बताया कि निर्माणाधीन सुंरग परियोजना में अति महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग (14.31 किलोमीटर) है, जो श्रीनगर से लद्दाख का सड़क संपर्क हर मौसम में बनाए रखेगी। सर्दियों में लद्दाख पांच-छह महीनों के लिए पूरी तरह से कट जाता था।

इसके अलावा बनिहाल-काजीकंड (8.45 किलोमीटर), जेड-मोड सुरंग (6.5 किलोमीटर) आदि सुरंग परियोजनाएं सीमा तक आसान पहुंच बनाएंगी। सरकार कुल 24 निर्माणधीन सुरंग परियोजनाओं पर काम कर रही है।

इंजीनियरों को विदेश में विशेष प्रशिक्षण
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में समर्पित टनल जोन की स्थापना की गई है। इसके साथ ही सरकार ने टनल जोन में दो तकनीकी परामर्शदाता की नियुक्त किए हैं। परामर्शदाता टीम टनल इंजीनियरिंग को लेकर उत्कृष्टता का केंद्र स्थापित करेगी।  इंजीनियरों की टीम को सरकार की ओर से विदेशों में प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें