महाशिवरात्रि पर ईशा योग फाउंडेशन के समारोह में शामिल हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू इस समारोह की मुख्य अतिथि थीं। इस मौके पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने फाउंडेशन की ओर से आयोजित महाशिवरात्रि समारोह को संबोधित भी किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को महाशिवरात्रि के मौके पर ईशा योग फाउंडेशन की ओर से कोयंबटूर में आयोजित समारोह में शामिल हुईं। मदुरै से पहुंचने पर मुर्मू का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इसके बाद वह ईशा योग केंद्र में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए रवाना हो गईं। राष्ट्रपति इस समारोह की मुख्य अतिथि थीं। इस मौके पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने फाउंडेशन की ओर से आयोजित महाशिवरात्रि समारोह को संबोधित भी किया।
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु और समारोह में मौजूद हजारों लोगों ने राष्ट्रपति मुर्मू का जोरदार स्वागत किया। मुर्मू ने कहा, 'मैं आज विशेष रूप से धन्य महसूस कर रही हूं। महाशिवरात्रि के अवसर पर आदियोगी की उपस्थिति में मैं यहां आकर खुद को धन्य महसूस करती हूं।' राष्ट्रपति ने सद्गुरु को आज के समय का विख्यात ऋषि बताया। उन्होंने कहा कि अनगिनत लोग (खासतौर से भारत और बाहर के युवा) आध्यात्मिक प्रगति के लिए सद्गुरु से प्रेरणा लेते हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में किए दर्शन
इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने शनिवार को ही श्री मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले तमिलनाडु दौरे पर आईं मुर्मू जब दोपहर में प्राचीन मंदिर में पहुंचीं, तो उनका मंदिर की ओर से पूर्ण सम्मान (पूर्णकुंभम) किया गया। राष्ट्रपति ने करीब एक घंटा मंदिर परिसर में बिताया। राज्यपाल आर एन रवि और प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री टी मानो थंगराज ने हवाई अड्डे पर पहुंचने पर मुर्मू का स्वागत किया। इस दौरान रवि परंपरागत तमिल परिधान धोती और शर्ट पहने हुए थे।
राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से ट्वीट किया गया, 'राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मदुरै में मीनाक्षी अम्मा के दर्शन के साथ तमिलनाडु का दौरा शुरू किया। उन्होंने देवी मां से सभी की कुशलता के लिए प्रार्थना की।' राष्ट्रपति भवन ने भी एक तस्वीर साझा की, जिसमें एक बच्ची को मुर्मू का अभिवादन करते हुए देखा जा सकता है। यहां सर्किट हाउस में कुछ समय तक रुकने के बाद राष्ट्रपति कोयंबटूर के लिए रवाना हो गईं।