बदलाव की तैयारी: सैनिक सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ने के आसार
सेना प्रमुख बिपिन रावत की अध्यक्षता में सोमवार से शुरू हो रही कमांडर कांफ्रेंस में सैनिकों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने पर सहमति बन सकती है। अभी 19 साल की सेवा के बाद जवानों को सेवानिवृत्ति मिलती...
सेना प्रमुख बिपिन रावत की अध्यक्षता में सोमवार से शुरू हो रही कमांडर कांफ्रेंस में सैनिकों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने पर सहमति बन सकती है। अभी 19 साल की सेवा के बाद जवानों को सेवानिवृत्ति मिलती है, जिसे सेना बढ़ाना चाहती है। अगर सहमति बनती है तो लाखों सैनिकों को लाभ होगा।
करीब सप्ताह भर चलने वाली बैठक में कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक की स्थिति पर भी चर्चा होगी। सेना में इस समय बड़े बदलावों की प्रकिया चल रही है। कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है। सेना के वेतन भत्तों पर जितना खर्च होता है उससे ज्यादा पूर्व सैनिकों की पेंशन पर होता है। दीर्घकालिक रणनीति यह है कि इस खर्च को नियंत्रित किया जाए। सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाना इसका एक हल हो सकता है।
कर्नल को 54 साल में रिटायरमेंट :
अभी 19 साल की सेवा के बाद जवान सेवानिवृत्त होते हैं। तब ज्यादातर की उम्र 40 साल से नीचे होती है। सेना महसूस कर रही है कि प्रशिक्षित और अनुभवी जवान को कुछ और वर्ष तक सेवा में रखना फायदेमंद हो सकता है। इसी प्रकार अफसरों की सेवानिवृत्ति की उम्र भी अलग-अलग है। कर्नल 54 साल में, ब्रिगेडियर साल में 56, मेजर जनरल 58 तथा लेफ्टिनेंट जनरल 60 में रिटायर होते हैं। जो अफसर कम उम्र में सेना छोड़ते हैं, वे कहीं अन्य नौकरी हासिल करते हैं। इसी प्रकार जवान भी दूसरी नौकरी करने लगते हैं। इसलिए अफसरों की सेवानिवृत्ति की उम्र में समानता लाने और जवानों की उम्र बढ़ाने पर चर्चा होगी।