'अचानक नींद से जाग जाते हैं और...', ओडिशा ट्रेन हादसे की भयावहता भूल नहीं पा रहे जिंदा बचे लोग
डॉ. महापात्रा ने कहा कि जीवित बचे लोगों के दिमाग पर इस तरह की दुर्घटना का गंभीर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था। उन्होंने कहा, 'कई घायल व्यक्ति गंभीर रूप से तनावग्रस्त और कभी-कभी घबराए हुए देखे गए।'
बालासोर रेल हादसे में बचे कई लोग शारीरिक चोटों से उबर रहे हैं, लेकिन कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती 105 मरीजों में से करीब 40 में 'पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर' (पीटीएसडी) की प्रवृत्ति दिख रही है। डॉक्टरों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पीटीएसडी किसी भयानक घटना का अनुभव करने या उससे गुजरने के बाद सामान्य हो पाने की विफलता वाला विकार है। क्लिनिकल मनोविज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ जसबंत महापात्रा ने कहा कि ट्रेन हादसे में बचे लोगों की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अस्पताल ने सभी मरीजों की 'काउंसलिंग' शुरू कर दी है।
डॉ. महापात्रा ने कहा कि जीवित बचे लोगों के दिमाग पर इस तरह की दुर्घटना का गंभीर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था। उन्होंने कहा, 'कई घायल व्यक्ति गंभीर रूप से तनावग्रस्त, भयभीत और कभी-कभी घबराए हुए देखे गए। हम उनकी काउंसलिंग कर रहे हैं और उनके परिवार के सदस्यों के साथ उनसे बात कर रहे हैं।' डॉ. महापात्रा ने कहा कि अस्पताल ने बचे लोगों की काउंसलिंग के लिए चार टीम का गठन किया है। उन्होंने कहा, 'प्रत्येक टीम में एक मनोचिकित्सक, एक मनोवैज्ञानिक, एक सामाजिक कार्यकर्ता और रोगी के परिवार के एक या दो सदस्य शामिल हैं।'
'दोस्त का नाम पुकारते नींद से जाग जाता है युवक'
सर्जरी चिकित्सा विभाग की एक नर्स ने बताया कि रेल हादसे के शिकार लोग दुर्घटना से जुड़ा सपना देखकर कई बार अचानक नींद से जाग जाते हैं। उन्होंने बताया कि 23 वर्षीय एक युवक के दोनों हाथ और पैर दुर्घटना में टूट गए हैं, वह दिन-रात सो नहीं पाता है। एक डॉक्टर ने बताया कि हादसे में अपने करीबी मित्र को खोने वाला एक युवक अपने मित्र का नाम पुकारते हुए अचानक नींद से जाग जाता है।
दूसरी ओर, रिटायर्ड न्यायाधीशों और नौकरशाहों समेत नागरिक समाज के प्रमुख सदस्यों के समूह ने ओडिशा ट्रेन हादसे पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा। इसमें देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को 'खतरे में डालने' के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की गई। इस पत्र पर 270 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र में कहा गया, 'ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण दुर्घटना से हम बहुत परेशान हैं, जिसमें हमारा तेजी से बढ़ता और आधुनिक होता रेलवे प्रभावित हुआ है। हालांकि, जांच अभी भी चल रही है। प्रारंभिक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऐसा संदेह है कि ट्रेन के पटरी से उतरने का कारण मानवीय हस्तक्षेप हो सकता है, जो आतंकवादी संगठनों के इशारे पर साजिश का एक स्पष्ट मामला जान पड़ता है।'
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