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'PM किसान सम्मान' पर सियासी घमासान, विपक्ष पूछ रहा- एमपी-छत्तीसगढ़ में अभी क्यों दी किस्त

पीएम मोदी ने बुधवार को देशभर के आठ करोड़ से अधिक किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त जारी की। विपक्ष ने इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। एमपी-छत्तीसगढ़ में अभी क्यों दी।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 16 Nov 2023 02:23 PM
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'PM किसान सम्मान' पर सियासी घमासान, विपक्ष पूछ रहा- एमपी-छत्तीसगढ़ में अभी क्यों दी किस्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के आठ करोड़ से अधिक किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 15वीं किस्त जारी की, जो 18,000 करोड़ रुपये है। बुधवार को जारी यह घोषणा झारखंड के खूंटी जिले में 'जनजातीय गौरव दिवस (आदिवासी गौरव दिवस)' के कार्यक्रमों के दौरान हुई। केंद्र सरकार के इस कदम की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की है। आचार संहिता के खुलेआम उल्लंघन का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने सवाल किया कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अभी क्यों दी, जब मालूम है कि 17 नवंबर को वहां वोटिंग होने वाली है।

पीएम-किसान योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को तीन किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की न्यूनतम आय सहायता मिलती है। किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त जारी करने को लेकर विपक्ष हमलावर है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सवाल किया है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान एमपी और छत्तीसगढ़ में 17 नवंबर को होने वाली वोटिंग से ठीक दो दिन की गई यह घोषणा कितनी सही है?

x (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने पूछा कि 15वीं किस्त में "देरी" क्यों हुई? "पीएम-किसान के तहत 15वीं किस्त 15 नवंबर 2023 को आ रही है। तब जब छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में दो दिन बाद, राजस्थान में 10 दिन बाद और तेलंगाना में 15 दिन बाद चुनाव होने हैं। क्या यह देरी जानबूझकर नहीं की गई है?” 

आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "अगर चुनाव आयोग के पास ताकत होती तो वह भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकती, लेकिन ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग बहुत पहले ही खत्म हो चुका है।"

तृणमूल कांग्रेस ने भी कहा है कि भाजपा की केंद्र सरकार के इस घोषणा के साथ चुनाव में दखल देने का काम किया है। पार्टी ने एक पोस्ट में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी की किसानों के लिए तथाकथित चिंता। वादे के मुताबिक किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। विवादास्पद कृषि विधेयक पेश किए गए और 702 किसानों की हत्या कर दी गई। एमएसपी बढ़ाए बिना बीज, उर्वरक और ईंधन की लागत में वृद्धि। अब, उन्होंने पांच राज्यों के चुनावों से ठीक पहले पीएम-किसान फंड को बांटने का फैसला किया है, जो आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। यह बेशर्म अवसरवादिता नहीं तो क्या है?” 

पीएम-किसान सम्मान निधि
2018 में शुरू की गई, पीएम-किसान योजना के तहत केंद्र सरकार पात्र किसानों को 2000 रुपये की तीन किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की सहायता राशि देती है। पहली किश्त में 3.16 करोड़ किसानों को कुल 6,323 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई। 2021-22 में 10 करोड़ से ज्यादा किसानों को साल के 67,032 करोड़ रुपये मिले।

चुनावी राज्यों पर क्या असर
इस महीने चुनाव होने वाले राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश में जारी की गई 14 किस्तों में लाभार्थियों की औसत संख्या सबसे अधिक थी। इसके बाद राजस्थान और तेलंगाना राज्य थे। इसके तहत मध्य प्रदेश में 84 लाख से अधिक किसानों को इस योजना से लाभ हुआ। 14वीं किस्त 2023-24 की अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान जारी की गई थी। इसमें अकेले एमपी से लाभार्थियों की संख्या कुल का 8.96% था। इसके बाद राजस्थान में 6.67%, तेलंगाना में 3.46% और छत्तीसगढ़ में 2.37% था। कुल मिलाकर, अप्रैल-जुलाई 2023 की अवधि में किसान-सम्मान निधि के तहत लाभ पाने वाले किसानों में 1.85 करोड़ के साथ यूपी में सबसे अधिक लाभार्थी थे, इसके बाद महाराष्ट्र में 85.6 लाख किसान थे।

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