Hindi Newsदेश न्यूज़Plan to build tunnel in northeast states connectivity to Leh in snowfall will make access to China border easier

पूर्वोत्तर राज्यों में सुरंग बनाने की योजना, बर्फबारी में लेह से कनेक्टिविटी से चीन बार्डर तक पहुंच होगी आसान

केंद्र सरकार की पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, लेह, लद्दाख व पूर्वोत्तर में 235 किलोमीटर लंबी सुरंगें बनाने की योजना है। इस महत्वाकांक्षी योजना से बर्फबारी में लेह-लद्दाख से कनेक्टिविटी के चलते चीन...

Nootan Vaindel लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 7 Nov 2020 07:18 AM
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केंद्र सरकार की पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, लेह, लद्दाख व पूर्वोत्तर में 235 किलोमीटर लंबी सुरंगें बनाने की योजना है। इस महत्वाकांक्षी योजना से बर्फबारी में लेह-लद्दाख से कनेक्टिविटी के चलते चीन बार्डर तक आसान पहुंच बनी रहेगी। सुरंगों में 80 किलोमीटर की रफ्तार होने से ईंधन और समय की बचत होगी। सुरंगें सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ पहाडों पर पर्यटन को बढ़वा देने में अहम भूमिका निभाएगी।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के दस्तावेजो के अनुसार, पहाड़ी राज्यों में कई सुरंगों का निर्माण कार्य चल रहा है और उनका काम पूरा होने का लक्ष्य भी निर्धारित है। इसमें प्रमुख रूप से 6.5 किलोमीटर लंबी जेड मोड सुरंग का काम दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। यह सुरंग श्रीनगर-लेह कारगिल तक 12 माह रोड कनेक्टिविटी मुहैया कराएगी। काजीगुंड-बनिहाल (8 किलोमीटर से अधिक) दो ट्यूब वाली सुरंग मार्च 2021 तक पूरी होगी। रामबन-बनिहाल (लगभग तीन किमी) सुरंग का निर्माण कार्य दिसंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
एशिया की सबसे लंबी सुरंग जोजिला का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसे वर्ष 2023 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। खिलानी-कस्तिवाड़ (450 मीटर) लंबी सुरंग जून 2022 में पूरी हो जाएगी। निर्माणधीन के अलावा कुछ सुरंग परियोजनाएं डीपीआर व टेंडर प्रक्रिया में हैं। इसमें चेनानी-अनंतनाग (4.5 किमी) का डीपीआर बनकर तैयार हो गया है। इसकी टेंडर प्रक्रिया चल शुरू की जाएगी। सिंथन के पास 10.20 किमी लंबी सुरंग बनाने के लिए डीपीआर बनकर तैयार हो चुका है। इसकी लागत 4600 करोड़ आने की संभावना है। खिालानी बाईपास सुरंग परियोजना का टेंडर जल्द जारी होने की उम्मीद है। इस पर 350 करोड़ रुपये की लागत आएगी। छतरू-अनंतनाग के बीच 10 किलोमीटर सुरंग डीपीआर बन चुका है। इस पर 5400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
बीआरओ ने आठ सुरंग बनाने का प्रस्ताव तैयार किया
इसी कड़ी में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने आठ सुरंगों को बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें प्रमुख रूप से खार्दुंग ला (सात किमी), शिंगो ला के पास पांच किलोमीटर, निम्मू-पदम-दारचा रोड़ पर सात किलोमीटर की सुरंग बनाई जाएंगी। मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 14 किलोमीटर सुरंग बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह सुरंग पूर्वी चीन के ताइहू झील के नीचे बन रही सड़क परिवहन टनल से अधिक लंबी है। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि सुरंग निर्माण क्षेत्र में विश्व स्तरीय निर्माण कंपनियां-कंसल्टेंट तैयार किए जाएंगे। जोकि देश के साथ विदेशों में आधुनिक तकनीक से सुरंग बनाने का काम करेंगे।

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