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सुरंग और ड्रोन के जरिए आतंकियों को भेज रहा है पाकिस्तान, BSF चौकन्ना 

रविवार को बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने एक ऐसी सुरंग का पता लगाया जिससे होकर आतंकी भारत आए थे। पिछले तीन महीने में BSF ने दूसरी बड़ी सुरंग पता लगाया है। हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए आधिकारी...

Tarun Pratap Singh लाइव हिन्दुस्तान टीम, दिल्लीTue, 24 Nov 2020 09:35 AM
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रविवार को बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने एक ऐसी सुरंग का पता लगाया जिससे होकर आतंकी भारत आए थे। पिछले तीन महीने में BSF ने दूसरी बड़ी सुरंग पता लगाया है। हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए आधिकारी ने बताया कि यह पाकिस्तान की बदली हुई रणनीति का हिस्सा है। पहले जहाँ सीधे आतंकियों को सीमा पार कराने की कोशिश होती थी वहीं अब इन सुरंगों का सहारा लिया जा रहा है। बीएसएफ के अधिकारी के अनुसार पिछले सप्ताह नगरोटा में मारे गए चारो आतंकी भी इन्हीं रास्तों से होकर भारत आए थे। 

रविवार को जिस सुरंग का बीएसएफ ने पता लगाया वह 3 फीट गहरी और 200 मीटर लम्बी थी। पाकिस्तान की तरफ ऊंची-ऊंची घास होने के कारण इन सुरंगों का पता नहीं चल पाता। और इसी का फायदा उठाकर ड्रग स्मगलर से लेकर आतंकी तक भारत में भेजे जा रहे हैं। हालांकि समझौते में इस तरह के घासों को काटने की बात कही गई है लेकिन पाकिस्तान इसको मानने को तैयार नहीं है। 

सुरंगों को पता चलने के बाद BSF चौकन्ना हो गई है। पाकिस्तान से सटे 3300 किलोमीटर की अंतराष्ट्रीय सीमा पर विशेष अभियान के तहत इन सुरंगों के पता लगाने की कोशिश हो रही है। सीमा से सटे पंजाब, गुजरात, जम्मू और राजस्थान के  किसानों को भी अलर्ट कर दिया गया है। अगर उन्हें ऐसा कोई भी संदेह हो तो तुरंत पेट्रोलिंग पार्टी को सूचना दें। 

एक अन्य BSF के अधिकारी ने बताया आजकल पाकिस्तान का पूरा ध्यान कश्मीर के बजाए जम्मू सीमा पर है। कश्मीर में सेना और बार्डर पर बीएसएफ की मुस्तैदी के कारण उन्हें कश्मीर सीमा से आतंकियों को भेज पाना कठिन हो रहा है। 

बीएसएफ इस समय डीआरडीओ और आईआईटी की मदद से ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम हो रहा जिससे आसानी से इन सुरंगों का पता लागाया जा सके। साथ ही इसमें इजरायल और अमेरिका की भी मदद ली जा रही है। लेकिन इन देशों को भी अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है और ये दोनों भी उसी समस्या से जूझ रहे हैं। 

अधिकारी के अनुसार बिना टेक्नालॉजी की मदद के ऐसी सुरंगो को आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता। इजरायल गाजा में और अमेरिका मैक्सिको सीमा पर भी इसी समस्या से जूझ रहा है।

एक अधिकारी ने नाराजगी भरे लहजे में कहा अगर इस तरह की टेक्नालॉजी हमारे पास नहीं है तो उसका एक बड़ा कारण नौकरशाही है। सरकार ने पाकिस्तान सीमा पर काम्प्रेहेंसिव इन्टीग्रटेड बार्डर मैनेजमेंट सिस्टम की घोषणा किया है। लेकिन एक साल में अभी तक पांच किलोमीटर भी नहीं हो पाया तो सोचिए 3000 किलोमीटर के लिए कितना समय लगेगा।

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