ऐसा हुआ तो फैल जाएगी अराजकता, वफ्फ एक्ट में संशोधनों की अटकलों पर भड़के ओवैसी
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि केंद्र सरकार वफ्फ बोर्ड की शक्तियों और संपत्तियों पर अंकुश लगाने के लिए एक विधेयक ला सकती है। इस पर एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने अपना बयान दिया है।
एआईएमआईएम के चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वफ्फ बोर्ड को लेकर हाल ही में मीडिया में चल रही खबरों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों और संपत्तियों को नियंत्रित करने के लिए एक विधेयक ला सकती है। ओवैसी ने कहा कि संसद का सत्र चल रहा है और ऐसे समय में केंद्र सरकार का मीडिया के माध्यम से जानकारी लीक करना संसदीय सर्वोच्चता और विशेषाधिकारों के खिलाफ है। उनका कहना है कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता छीनना चाहती है और इसके अधिकारों में हस्तक्षेप करना चाहती है।
ओवैसी ने आरोप लगाया कि भाजपा और संघ परिवार का हिंदुत्व एजेंडा वक्फ बोर्डों और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ है। उनके अनुसार, अगर वक्फ बोर्ड की स्थापना और संरचना में संशोधन किया गया तो इससे प्रशासनिक अराजकता पैदा होगी और बोर्ड की स्वायत्तता समाप्त हो जाएगी। ओवैसी ने चेतावनी दी कि इससे वक्फ की स्वतंत्रता प्रभावित होगी और अराजकता का माहौल पैदा होगा।
विवादित संपत्तियों को मुसलमानों से हथियाना चाहती है बीजेपी की केंद्र सरकार
ओवैसी ने यह भी कहा कि मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि विवादित संपत्तियों के मामले में केंद्र सरकार सर्वे कराने की बात कर रही है। उनका कहना है कि यह सर्वे बीजेपी और सीएम द्वारा किया जाएगा, और परिणाम पूर्वाग्रहित हो सकते हैं। ओवैसीए का कहना है कि कई दरगाहों और मस्जिदों पर बीजेपी-आरएसएस का दावा है कि वे धार्मिक स्थल नहीं हैं, जिससे न्यायपालिका और कार्यपालिका की शक्ति को छीनने की कोशिश हो रही है।
वफ्फ एक्ट में 40 संशोधन कर सकती है केंद्र सरकार
वक्फ एक्ट में संभावित संशोधनों के बारे में जानकारी देते हुए, सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार वक्फ एक्ट में 40 संशोधनों को मंजूरी दे चुकी है। इन संशोधनों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना है। प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, वक्फ बोर्ड द्वारा संपत्तियों पर किए गए सभी दावों को अनिवार्य सत्यापन से गुजरना होगा। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्तियों के लिए एक अनिवार्य सत्यापन प्रक्रिया को लागू किया जाएगा।
2013 में, कांग्रेस की यूपीए सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन कर वक्फ बोर्डों के अधिकारों को मजबूत किया था। नए संशोधन का उद्देश्य केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करके उनकी भागीदारी को बढ़ाना भी है।