क्या अब पेरेंट्स अपनी बेटियों को स्टेडियम भेजेंगे? साक्षी मलिक के संन्यास पर बोले विजेंदर सिंह
विजेंदर सिंह ने एएनआई से बातचीत में कहा कि खिलाड़ी होने के नाते मैं उनका दर्द समझ सकता हूं। उन्होंने कहा, 'कुश्ती में एकमात्र महिला पदक विजेता ने न्याय की मांग रखी मगर उसे न्याय नहीं मिला।'
ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह ने पहलवान साक्षी मलिक के प्रति अपना समर्थन दोहराया है। उन्होंने साक्षी के कुश्ती छोड़ने के ऐलान को गंभीर मुद्दा बताया। दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह के वफादार संजय सिंह ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के शीर्ष पद का चुनाव जीत लिया, जिसके विरोध में साक्षी ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। मुक्केबाज व कांग्रेस नेता विजेंदर यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर कुश्ती संघ और बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। इस साल की शुरुआत में पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था, जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया। यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है।
विजेंदर सिंह ने कहा कि बतौर खिलाड़ी बहुत बुरा लगता है, क्योंकि कड़ी मेहनत के बाद एक एथलीट उस मुकाम तक पहुंचता है। साक्षी मलिक को लेकर उन्होंने कहा, 'वह ओलंपिक पदक विजेता, राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता और एशियाई खेलों की पदक विजेता है। इन सभी पहलवानों (साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया) ने देश के लिए उच्चतम स्तर पर पदक जीते हैं। साक्षी ने कहा कि जिस तरह से चुनाव हुआ, उसके कारण वह कुश्ती छोड़ देंगी। मुझे लगता है कि यह गंभीर मुद्दा है। इसे लेकर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर कई सवाल खड़े होते हैं।'
विजेंदर बोले- दुनिया में भारत की छवि बढ़ेगी या घटेगी?
विजेंदर सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि खिलाड़ी होने के नाते मैं उनका दर्द समझ सकता हूं। उन्होंने कहा, 'कुश्ती में एकमात्र महिला पदक विजेता ने न्याय की मांग रखी मगर उसे न्याय नहीं मिला। इससे आहत होकर उसने आखिरकार संन्यास ले लिया।' मुक्केबाज ने सवाल पूछते हुए कहा कि इसे लेकर पूरी दुनिया में भारत की छवि बढ़ेगी या घटेगी? विजेंदर ने कहा कि इससे पूरा खेल उद्योग निराश हुआ है। पहलवानों का आरोप है कि हरियाणा में लड़के-लड़कियों में भेदभाव किया जाता है और लड़कियां कम हैं। अब क्या इसके बाद माता-पिता अपनी बेटियों को स्टेडियम भेजेंगे?
12 साल से लगातार कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण
गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह 12 साल से लगातार कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने हुए थे। इस साल की शुरुआत में ही महिला पहलवानों ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इस मामले में भाजपा सांसद के खिलाफ दिल्ली पुलिस जांच भी कर रही है। इसी के चलते बृजभूषण को पद से हटना पड़ा और यह तय हुआ था कि वह खुद या उनके परिवार या रिश्तेदारी का कोई सदस्य भी चुनाव में नहीं लड़ेगा। संजय सिंह पहले उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। 2019 में भारतीय कुश्ती संघ की कार्यकारी कमिटी में संयुक्त सचिव चुने गए थे। वह मूल रूप से यूपी के चंदौली के रहने वाले हैं। वह 2008 में वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष बने। उन्हें बृजभूषण सिंह का करीबी सहयोगी भी माना जाता है।