'सारे चैनल्स मेरे पीछे पड़े हैं मगर...', कोचिंग हादसे पर विकास दिव्यकीर्ति ने क्या कहा
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, 'मुझे चिंता दूसरी बात की है। रात में मैं जब सोने जाता हूं तो मेरे दिमाग में बार-बार ऐसी इमेज बनती है कि जब पानी भरा होगा तो उन बच्चों पर क्या गुजरी होगी।'
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में बारिश का पानी भरने से 3 छात्रों की मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए स्टूडेंट्स का विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है। इस बीच, दृष्टि आईएएस के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति का पूरे मामले पर बयान आया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सारे चैनल्स मेरे पीछे पड़े हैं, मगर मुझे इससे परेशानी नहीं के बराबर है। इसे लेकर मेरे परिवार के लोगों को आश्चर्य भी होता है कि मैं इतना सामान्य कैसे रह लेता हूं। खैर, मेरा स्वभाव ही ऐसा है।
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, 'मुझे चिंता दूसरी बात की है। रात में मैं जब सोने जाता हूं तो मेरे दिमाग में बार-बार ऐसी इमेज बनती है कि जब पानी भरा होगा तो उन बच्चों पर क्या गुजरी होगी। एक-दो बार मेरे साथ ऐसा हुआ है कि नदी में तैरते वक्त पानी नाक में भर गया हो। डूबते-डूबते बचे थे। यह कितना दर्दनाक होता है। हम तो 4-5 सेकंड में पानी से बाहर निकल गए। मगर, उन बच्चों ने कुछ मिनटों तक इसे झेला होगा।' उन्होंने कहा कि मैं उन बच्चों के माता-पिता को नहीं जानता हूं। मैं कैसे उनसे मिलूं और कैसे अपनी बात कहूं।
'3-4 बच्चों से मेरी आज बात हुई'
दृष्टि आईएएस के संस्थापक ने आगे कहा, 'जो विद्यार्थी आंदोलन कर रहे हैं ऐसे 3-4 बच्चों से मेरी आज बात हुई है। आज दिल्ली उपराज्यपाल ने बैठक बुलाई थी जिसमें मैं भी गया था। उस बैठक के दौरान कुछ बच्चों से मेरी बात हुई। अब मुझे लगता है कि सहजता है और आज या कल मैं बच्चों से मिलूंगा।' उन्होंने कहा कि मैं खुलकर मानता हूं कि इसमें कोचिंग सेंटर की जिम्मेदारी बनती है, संयोग की बात है कि यह हादसा कहीं और हुआ, यह कहीं भी हो सकता था। इसे ठीक करना सभी संस्थानों की जिम्मेदारी है, मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने को तैयार और तत्पर हूं।