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डेड बॉडी नहीं, यह है असली वजह, ओडिशा में हादसे वाली जगह से बदबू पर रेलवे का जवाब

ओडिशा में स्थानीय लोगों ने आशंका जताई कि रेल हादसे वाली जगह पर अभी भी कई शव हो सकते हैं, क्योंकि उस जगह से काफी तेज दुर्गंध आ रही है। इस पर रेलवे ने तलाशी अभियान चलाया। मौके पर क्या मिला?

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तान, भुवनेश्वरSat, 10 June 2023 09:17 AM
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ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की आपस भी भयंकर भिड़ंत के इतने दिन बाद भी हादसे के जख्म हरे हैं। 82 शव अभी भी पहचान के इंतजार में हैं। इस बीच बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले स्थानीय लोगों ने आशंका जताई है कि हादसे वाली जगह पर अभी भी कई शव हो सकते हैं, क्योंकि उस जगह से काफी तेज दुर्गंध आ रही है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर रेलवे ने राज्य सरकार की मदद से एक बार फिर तलाशी अभियान चलाया। जिसके बाद अब रेलवे ने इस बारे में बयान जारी किया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि यह डेड बॉडी नहीं कुछ और है। 

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास एक क्षतिग्रस्त कोच से निकलने वाली दुर्गंध पर चिंता जताई थी। स्थानीय लोगों ने चिंता जताई थी कि कोच से तेज दुर्गंध आ रही है, इसलिए ऐसा संभव है कि अभी भी हादसे वाली जगह पर डेड बॉडी हो। स्थानीय लोगों की शिकायत पर रेलवे अधिकारियों ने तुरंत ऐक्शन लिया और राज्य सरकार की मदद से इलाके में एक बार फिर तलाशी अभियान चलाया। इस तलाशी अभियान में रेलवे को मौके पर क्या मिला? 

हादसे वाली जगह पर तेज दुर्गंध की वजह
दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने मामले में एक बयान जारी किया और कहा कि "यह तेज बदबू मानव शरीर नहीं बल्कि, सड़े हुए अंडों की वजह से आ रही है।" उन्होंने उन अटकलों पर भी विराम लगा लिया कि हादसे वाली जगह पर अभी भी शव पड़े हुए हैं।

'सड़े हुए अंडे, मानव शरीर नहीं'
चौधरी ने कहा, “मौके पर यह पाया गया कि स्टेशन पर दुर्गंधन की वजह सड़े हुए अंडे हैं न कि मानव शरीर। हमें दो बार एनडीआरएफ से साइट क्लीयरेंस मिल चुका था। दरअसल, घटना के दौरान यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में लगभग तीन टन अंडे ले जाए जा रहे थे।"

गौरतलब है कि 2 जून को, हाल के दिनों में देश की सबसे घातक रेल दुर्घटनाओं में से एक में कम के कम 288 लोगों की मौत हो गई। कोरोमंडल एक्सप्रेस पहले एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे उसके अधिकांश डिब्बे पटरी से उतर गए। उनमें से कुछ डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले कुछ डिब्बों पर गिर गए, जो उसी समय गुजर रही थी। बालासोर में हुए भयानक ट्रिपल-ट्रेन हादसे में 1,200 से अधिक लोग घायल हुए।

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