अब डरा रहा है कोरोना, तेजी से बढ़ रहे नए वैरिएंट जेएन.1 के मामले; टॉप पर है यह राज्य
कोरोना के वैरिएंट जेएन.1 से संक्रमित होने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 12 राज्यों में इस वैरिएंट से संक्रमित होने वालों की संख्या 619 हो गई है। जिसमें कर्नाटक टॉप पर है।

कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 से संक्रमित होने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 12 राज्यों में इस वैरिएंट से संक्रमित होने वालों की संख्या 619 हो गई है। बताया जा रहा है कि इस नए वैरिएंट से संक्रमित होने वालों की सबसे ज्यादा मामले कर्नाटक में दर्ज किए गए। कर्नाटक में जेएन.1 से संक्रमित होने वालों की संख्या 199 बताई जा रही है। नए खतरे को भांपते हुए कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन समस्या (एसएआरआई) वाले मरीजों के लिए कोविड जांच अनिवार्य करने का निर्देश दिया है।
कर्नाटक में सांस से जुड़ी बीमारी के लिए कोविड की जांज अनिवार्य
राव ने यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद एक बयान में कहा, "हर दिन 7,000 से अधिक लोगों की जांच की जा रही है और कोविड से संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों की दर 3.82 प्रतिशत है। राज्य में संक्रमितों की दर में अभी तक गिरावट नहीं आई है।" मंत्री ने बताया कि पड़ोसी राज्य केरल में कोविड मामलों में गिरावट देखी जा रही है। उन्होंने अधिकारियों से उन लोगों पर कड़ी नजर रखने को कहा है जो कोविड से संक्रमित हैं। राव के अनुसार, उन्होंने अधिकारियों से आईएलआई और एसएआरआई के लक्षण वाले लोगों की जांच अनिवार्य करने का निर्देश दिया है।
अन्य राज्यों में कोरोना के सब-वैरिएंट जेएन.1 से संक्रमित होने वालों की बात करें तो केरल में 148, महाराष्ट्र में 110, गोवा में 47, गुजरात में 30, आंध्र प्रदेश में 30, तमिलनाडु में 26, दिल्ली में 15, राजस्थान में चार जबकि तेलंगाना, ओडिशा और हरियाणा में एक-एक मामले दर्ज किये गये हैं।
केंद्र ने पहले ही किया सतर्क
अधिकारियों ने कहा कि संक्रमित होने के मामले बढ़ रहे हैं और देश में जेएन.1 सब-वैरिएंट का पता चला है, लेकिन अभी चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि संक्रमित लोगों में से अधिकांश व्यक्ति घरेलू उपचार का विकल्प अपना रहे हैं जो मामूली रूप से बीमार होने का संकेत है। केंद्र ने पहले ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देश में कोविड-19 के नये मामलों की संख्या में वृद्धि और जेएन.1 सब-वैरिएंट का पता चलने के मद्देनजर निरंतर निगरानी बनाए रखने के लिए कहा है।
राज्यों को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से साझा किये गये विस्तृत दिशा-निर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। ये दिशा-निर्देश कोविड-19 के लिए संशोधित निगरानी रणनीति को लेकर जारी किये गये हैं। राज्यों से कहा गया है कि वे मामलों की बढ़ती प्रवृत्ति का जल्द पता लगाने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में इन्फ्लूएंजा और गंभीर श्वसन जैसी बीमारी से पीड़ित होने के के मामलों की नियमित रूप से निगरानी करें और जिलेवार रिपोर्ट भेजें। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए जेएन.1 को 'अध्ययन के एक अलग प्रकार' के रूप में वर्गीकृत किया है, लेकिन कहा है कि इससे वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य को कम खतरा है।