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22 साल बाद जुलाई में उत्तर-पश्चिम में हुई इतनी ज्यादा बारिश, जानें अगस्त में कैसा रहेगा मौसम का हाल

उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश इस बार 2001 के बाद से सबसे अधिक रही है। चंडीगढ़ और अंबाला में 9 जुलाई को अब तक की सबसे अधिक बारिश दर्ज हुई। चंडीगढ़ में 302 मिमी और अंबाला में 224.1 मिमी बारिश हुई।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 1 Aug 2023 05:42 PM
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22 साल बाद जुलाई में उत्तर-पश्चिम में हुई इतनी ज्यादा बारिश, जानें अगस्त में कैसा रहेगा मौसम का हाल

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दशकों बाद उत्तर-पश्चिम भारत इस साल सबसे भीषण बाढ़ से प्रभावित हुआ। नॉर्थ-वेस्ट भारत में 23 सालों में सबसे ज्यादा बारिश वाली जुलाई दर्ज की गई, जहां औसत मासिक बरसात 258.6 मिमी हुई। हालांकि, अब अगस्त में बारिश सामान्य से कम हो सकती है। आईएमडी का कहना है कि मॉनसून कमजोर चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार है। इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून देर से आया लेकिन सामान्य से पहले देश भर में पहुंच गया। मॉनसून ने जुलाई में जबरदस्त रफ्तार पकड़ ली। कई क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई जो 205. मिमी को पार कर गई। यह पिछले 5 सालों में सबसे अधिक है।

उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश इस बार 2001 के बाद से सबसे अधिक रही है। चंडीगढ़ और अंबाला में 9 जुलाई को अब तक की सबसे अधिक बारिश दर्ज हुई। चंडीगढ़ में 302 मिमी और अंबाला में 224.1 मिमी बारिश हुई, जिससे बड़े पैमाने पर बाढ़ आई। 18 से 28 जुलाई तक गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में अत्यधिक भारी बारिश हुई। भारी बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। इस दौरान जान-माल का भी नुकसान हुआ। हजारों लोगों को उनके घर से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। हालांकि, अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है।

भारी बारिश का कारण
आईएमडी के प्रमुख एम महापात्र नॉर्थ-वेस्ट में हुई भारी बारिश का कारण बताते हैं। उन्होंने कहा, 'अगर आप इसे जलवायु परिवर्तन की पृष्ठभूमि में देखते हैं, तो निश्चित रूप से बहुत भारी वर्षा की घटनाओं की आवृत्ति में वृद्धि हुई है। इस बार तीव्र पश्चिमी विक्षोभ गतिविधि रही। जुलाई में बंगाल की खाड़ी में सामान्य तीन के मुकाबले चार निम्न प्रेशर सिस्टम बना रहा।' मौसम विज्ञानियों का कहना है कि चार पश्चिमी विक्षोभ और चार कम दबाव प्रणालियों के संगम से सक्रिय मॉनसून बना रहा, जिसके कारण पूरे महीने मूसलाधार बारिश हुई। हालांकि, सबसे तीव्र पश्चिमी विक्षोभ ने 5 से 11 जुलाई तक उत्तरी क्षेत्र को प्रभावित किया, जिससे उत्तर पश्चिम भारत में सबसे भीषण बाढ़ आ गई।

अगस्त में होगी धीमी बारिश
मौसम विभाग ने सीजन के आखिरी 2 महीनों के लिए सामान्य मॉनसून का अनुमान लगाया है। अगस्त में बारिश सामान्य से कम होने और सितंबर में बारिश बढ़ने की संभावना है। एल नीनो का असर जुलाई के दौरान दिखाई नहीं दिया। हालांकि, अगस्त में जरूर यह प्रभावित कर सकता है। मालूम हो कि अल नीनो कम बारिश से जुड़ा है, लेकिन इस बार यह मॉनसून परिसंचरण को उतना प्रभावित नहीं कर सका। इस बार वातावरण ने समुद्र के गर्म तापमान पर प्रतिक्रिया नहीं दी, जो मूल रूप से अल नीनो के गठन का संकेत है। हालांकि, अब 90% संभावना है कि समुद्री घटना मजबूत हो जाएगी।

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