भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है, NIT प्रोफेसर का विवादित कमेंट; अब दी सफाई
अंदावन NIT में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर हैं। उन्होंने यह विवादास्पद टिप्पणी 30 जनवरी को महात्मा गांधी की शहादत की सालगिरह पर कृष्णा राज नाम के एक वकील की फेसबुक पोस्ट पर की थी।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) कालीकट एक बार फिर से विवादों में हैं। संस्थान की एक महिला प्रोफेसर शैजा अंदावन ने अपनी सोशल मीडिया कमेंट के जरिए विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कथित तौर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। शैजा अंदावन NIT में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर हैं। उन्होंने यह विवादास्पद टिप्पणी 30 जनवरी को महात्मा गांधी की शहादत की सालगिरह पर कृष्णा राज नाम के एक वकील की फेसबुक पोस्ट पर की थी।
कृष्णा राज ने गोडसे की तस्वीर शेयर करते हुए मलयालम में लिखा, ''हिंदू महासभा सदस्य नाथूराम गोडसे। भारत के अनेक लोगों के नायक।” इसी पोस्ट पर प्रोफेसर शैजा ने कमेंट करते हुए लिखा, 'भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है।' मामला सामने आने के बाद कई लोगों ने सवाल उठाया कि एनआईटी-सी जैसे प्रमुख संस्थान का प्रोफेसर ऐसे व्यक्ति की तारीफ कैसे कर सकता है जो राष्ट्र के पिता की हत्या के लिए जिम्मेदार था।
भारी विरोध के बाद प्रोफेसर ने अपनी कमेंट डिलीट कर दी। द न्यूज मिनट से बात करते हुए प्रोफेसर शैजा ने कहा, “जब मैंने पहली बार कमेंट किया था तो मैंने ज्यादा सोचा नहीं था। मैंने एक किताब 'मैंने गांधी को क्यों मारा' पढ़ी थी। मुझे लगा कि इसमें लिखी गईं कुछ बातें सच हैं। इसलिए मैंने यह कमेंट की। लेकिन अब, मुझे लगता है कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था और इसलिए मैंने कमेंट डिलीट कर दी।"
गौरतलब है कि 30 जनवरी, 1948 की शाम को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की जान ले ली थी। अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए। वह उस दिन भी रोज की तरह शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे। उसी समय गोडसे ने उन्हें बहुत करीब से गोली मारी और साबरमती का संत ‘हे राम’ कहकर दुनिया से विदा हो गया।
बता दें कुछ दिन पहले ही 'राम मंदिर विरोध' को लेकर भी ये संस्थान विवाद में आ गया था। इसी कॉलेज के चौथे वर्ष के बीटेक छात्र को इस सप्ताह की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था। छात्र पर आरोप था कि उसने अन्य छात्रों के एक समूह के साथ मिलकर राम मंदिर उद्घाटन के संबंध में परिसर के अंदर हो रहे समारोह का विरोध किया था। हालांकि छात्र समुदाय के भारी विरोध के बाद उनके निलंबन को रोक दिया गया था।