वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सुनाई कश्मीरी कविता, 'हमारा वतन डल लेक में खिलते हुए कमल जैसा'
बजट 2020 को पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कश्मीर का जिक्र करते हुए एक कश्मीरी कविता पढ़ी। उन्होंने इस कविता का हिन्दी अनुवाद बताया - कविता (हिन्दी अनुवाद)- ''हमारा वतन खिलते शालीमार बाग...
बजट 2020 को पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कश्मीर का जिक्र करते हुए एक कश्मीरी कविता पढ़ी। उन्होंने इस कविता का हिन्दी अनुवाद बताया -
कविता (हिन्दी अनुवाद)-
''हमारा वतन खिलते शालीमार बाग जैसा, हमारा वतन डल झील में खिलते कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन-दुनिया का सबसे प्यारा वतन।
निर्मला सीतारमण ने जो शेर पढ़ा वह कश्मीर के मशहूर कवि दीनानाथ कौल नदीम की कविता संग्रह का है। कवि दीनानाथ कौल कश्मीरी साहित्य के एक आदर्श और दिग्गज कवि हैं।
कवि दीनानाथ कौल का जन्म 1916 में हुआ था, वह कश्मीर से सबसे ज्यादा प्रभावशाली कवियित्री लाल डेड या लल्ला से प्रभावित थे। स्वर्गीय कवि दीनानाथ ने अपने लेखों में लिखा है कि कवियित्री लल्ला इतना ज्यादा फेमस थीं कि उनकी मांग लल्ल की कविता गाया करती थीं। वह अपनी मां को सुनकर लल्ला की कविताओं से काफ ज्यादा प्रभावित हुए थे।
इससे पहले उन्हेंने बताया कि यह बजट तीन विषयों पर केंद्रित है। बजट के तीन महत्वपू्र्ण विषय हैं- 1: महत्वाकांक्षी भारत , 2: हमारा संरक्षित समाज और 3: सबके लिए आर्थिक विकास।
तीन विषयों में 'महत्वाकांक्षी भारत' युवाओं के लिए रोजगार देने के और युवा प्रतिभा के विकास को समर्पित है जबकि दूसरा विषय/ संकल्प सभी को सुरक्षा सहयोग वाला होगा जिसमें सबके लिए अपनेपन की भावना व एक-दूसरे के प्रति आदर भाव हो। तीसरा संकल्प सभी के लिए विकास की योजनाएं व उनके आर्थिक विकास को ध्यान में रखना है।