लॉरेंस बिश्नोई गैंग और BKI पर NIA का शिंकजा, 4 आतंकी नामजद; चार्जशीट में खुलासे
बब्बर खालसा इंटरनेशनल और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के अपराधियों पर अपनी कार्रवाई तेज करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने चार्जशीट दायर किया है। इस चार्जशीट में 4 अपराधी नामजद हैं।

बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और लॉरेंस बिश्नोई के अपराध सिंडिकेट से जुड़े आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कमर कस ली है। अपनी कार्रवाई के संबंध में जांच एजेंसी एक चार्जशीट दायर किया। एनआईए द्वारा दायर चार्जशीट में चार लोगों को नाम शामिल किया गया है, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। एनआईए द्वारा दायर चार्जशीट में दरमन सिंह उर्फ दरमनजोत काहलों, परवीन वाधवा उर्फ प्रिंस, युद्धवीर सिंह उर्फ साधु और विकास सिंह का नाम शामिल हैं। इसके साथ मामले के चार्जशीट में नामित आरोपियों की कुल संख्या 21 तक पहुंच गई। जांच एजेंसी ने 24 मार्च को 14 आरोपियों के खिलाफ अपना शुरुआती चार्जशीट दायर किया, इसके बाद 9 अगस्त को तीन अन्य व्यक्तियों के खिलाफ पहला पूरक चार्जशीट दायर किया।
सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17, 18, 18 (बी) के तहत आतंक फैलाने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। दरमनजोत सिंह कनाडा स्थित भगोड़े लखबीर सिंह लांडा प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का सदस्य है, और लॉरेंस बिश्नोई द्वारा संचालित अपराध सिंडिकेट के बीच प्रमुख लिंक में से एक है। दरमनजोत सिंह भारत में खपत के लिए पाकिस्तान से हथियारों, विस्फोटकों और ड्रग्स/हेरोइन की तस्करी सहित कई आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, परवीन वाधवा लॉरेंस बिश्नोई आतंकी सिंडिकेट के सहयोगियों में से एक है। जांच से संकेत मिलता है कि वह कम्यूनिकेशन नेटवर्क के साथ डील करता है। वहीं युद्धवीर सिंह लॉरेंस बिश्नोई आतंकी सिंडिकेट का मुख्य हथियार खरीददार है। उसकी भूमिका विदेशों से हथियारों और गोला-बारूद की खरीद को सुविधाजनक बनाने तक फैली हुई है।
विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का एक अन्य सहयोगी है जो कई राज्यों में आतंकी हमलों और आपराधिक अभियानों को अंजाम देने में शामिल गिरोह के विभिन्न सदस्यों को शरण प्रदान करने में शामिल रहा है। विशेष रूप से उसने मोहाली में पंजाब पुलिस राज्य खुफिया मुख्यालय पर 2022 आरपीजी आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार गिरोह के सदस्यों को सुरक्षित आश्रय प्रदान किया।
एनआईए ने आरोपियों के पास से हथियार, गोला-बारूद और अन्य आपत्तिजनक डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए। जांच आगे चलकर एनआईए को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में स्थापित ठिकानों तक ले गई, जिनका इस्तेमाल गैंगस्टरों को शरण देने और हथियार जमा करने के लिए किया जा रहा था।