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हिंदी को लेकर फैलाई जा रही अफवाह, यह तो सभी भाषाओं की मित्र है: अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि हिंदी और गुजराती, हिंदी और तमिल, हिंदी और मराठी प्रतिस्पर्धी हैं। हिन्दी देश की किसी अन्य भाषा की प्रतियोगी नहीं हो सकती।

Gaurav Kala हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीWed, 14 Sep 2022 05:13 PM
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हिंदी को लेकर फैलाई जा रही अफवाह, यह तो सभी भाषाओं की मित्र है: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि हिंदी भाषा प्रतिस्पर्धी नहीं है, बल्कि देश की अन्य सभी भाषाओं की "मित्र" है। अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में बोलते हुए, गृह मंत्री ने कहा कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि हिंदी और गुजराती, हिंदी और तमिल, हिंदी और मराठी प्रतिस्पर्धी हैं। हिन्दी देश की किसी अन्य भाषा की प्रतियोगी नहीं हो सकती। आपको यह समझना चाहिए कि हिंदी देश की सभी भाषाओं की मित्र है। शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दक्षिण भारत के राज्यों में तीखी बहस चल रही है कि केंद्र देश के गैर-हिंदी भाषी लोगों पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रहा है। शाह ने कहा कि हिन्दी एक राजभाषा के रूप में पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस अवसर पर लोगों को बधाई दी और कहा कि हिंदी की सादगी, सरलता, सहजता और संवेदनशीलता लोगों को आकर्षित करती है। पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “हिंदी ने दुनिया भर में भारत के लिए विशेष सम्मान लाया है। इसकी सादगी, सहजता और संवेदनशीलता हमेशा आकर्षित करती है। हिंदी दिवस पर, मैं उन सभी लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं जिन्होंने इसे समृद्ध और सशक्त बनाने में अथक योगदान दिया है।”

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हिंदी सहित सभी स्थानीय भाषाओं के "समानांतर विकास" के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भाषाओं के सह-अस्तित्व को स्वीकार करने की आवश्यकता है। साथ ही इसके शब्दकोश का विस्तार करने के लिए अन्य भाषाओं के शब्दों को लेकर हिंदी को लचीला बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

देश की अन्य भाषाओं की मित्र है हिन्दी
अमित शाह ने कहा, "मैं एक बात बहुत स्पष्ट कर देना चाहता हूं। कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि हिंदी और गुजराती, हिंदी और तमिल, हिंदी और मराठी प्रतिस्पर्धी हैं। हिन्दी देश की किसी अन्य भाषा की प्रतियोगी नहीं हो सकती। आपको यह समझना चाहिए कि हिंदी देश की सभी भाषाओं की मित्र है।”

गौरतलब है कि अमित शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विशेष रूप से दक्षिण भारत के राज्यों में तीखी बहस चल रही है कि केंद्र देश के गैर-हिंदी भाषी लोगों पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रहा है। 

कर्नाटक में हिन्दी भाषा उत्सव का विरोध
कर्नाटक में, जनता दल (सेक्युलर) ने हिंदी भाषा के उत्सव का विरोध किया है। जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने सवाल किया कि सरकार हिंदी दिवस पर पैसा कैसे खर्च कर रही है। उन्होंने बुधवार को बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा, "कन्नड़ का जश्न मनाने के बजाय, बोम्मई सरकार हिंदी का जश्न मना रही है।" कर्नाटक के पूर्व विधायक और कन्नड़ चलावली वटल पक्ष (केसीवीपी) के नेता वतल नागराज को बुधवार को बेंगलुरु पुलिस ने हिंदी दिवस मनाने वाली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के आरोप में गिरफ्तार किया।

हिन्दी की समृद्धि के साथ क्षेत्रीय भाषाएं भी होंगी विकसित
शाह ने कहा कि देश में हिंदी तभी समृद्ध होगी जब क्षेत्रीय भाषाएं तभी समृद्ध होंगी। उन्होंने कहा, “हर किसी को इसे स्वीकार करना चाहिए और समझना चाहिए। जब तक हम भाषाओं के सह-अस्तित्व को स्वीकार नहीं करेंगे, तब तक हम देश को अपनी भाषा में चलाने के सपने को साकार नहीं कर सकते। मैं ईमानदारी से कहना चाहता हूं कि सभी भाषाओं और मातृभाषाओं को जीवित और समृद्ध रखना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इन सभी भाषाओं की समृद्धि से ही हिंदी समृद्ध होगी।"

बताते चलें कि हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित होने के बाद यह दिन हिंदी भाषा को समर्पित है। भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आधिकारिक तौर पर 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में घोषित किया था।

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