बांग्लादेश की सीमा पर भी गूंजेगा स्वतंत्रता सेनानियों का नाम, 75 गांवों का नाम बदलेगी त्रिपुरा सरकार
स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के मौके पर शुरू की गई सरकार की पहल 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में बांग्लादेश सीमा पर 75 सीमावर्ती गांवों का नाम बदलने की परियोजना शुरू की गई है।

त्रिपुरा सरकार ने राज्य के 75 सीमावर्ती गांवों का नामकरण उन स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर करने का फैसला किया है जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई के दौरान अपने प्राणों की आहूति दी थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के मौके पर शुरू की गई पहल 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में 75 सीमावर्ती गांवों का नाम बदलने की परियोजना शुरू की गई है।
सूचना एवं सांस्कृतिक सचिव पीके चक्रवर्ती ने कहा, “ देश की आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने का कार्यक्रम जुलाई में शुरू होगा जो इस साल 15 अगस्त तक पूरा होगा।” उन्होंने कहा, “ये 75 सीमावर्ती गांव सभी आठ जिलों में स्थित हैं और इनकी पहचान जिला स्तरीय समितियों द्वारा की जाएगी। प्रशासन ने पहले ही राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों की सूची तैयार कर ली है और देश की आजादी की लड़ाई में उनके योगदान की भी जानकारी जुटा ली है।”
चक्रवर्ती ने कहा कि इन गांवों में 75 स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी और उनके परिवार के सदस्यों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि केंद्र ने योजना को लागू करने के लिए पहले ही 3.13 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं।
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