Hindi Newsदेश न्यूज़mother first slit the son throat and when shouts hits with Brick killed him

मां ने पहले काटा बेटे का गला फिर जैसे ही चिल्लाया तो ईंट मार-मारकर की हत्या

उत्तर-प्रदेश के वाराणसी में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मां पहले अपने 11 साल बेटे को दो ट्रकों के बीच में सुनसान जगह लेकर गई और फिर उसके गले पर चाकू से वार कर दिया। जब बेटा जमीन पर...

Arun Binjola एजेंसी, वाराणसी Sun, 1 March 2020 11:24 AM
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उत्तर-प्रदेश के वाराणसी में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मां पहले अपने 11 साल बेटे को दो ट्रकों के बीच में सुनसान जगह लेकर गई और फिर उसके गले पर चाकू से वार कर दिया। जब बेटा जमीन पर गिरा तो उसने बचने के जैसे ही चिलाना शुरू किया तो निर्दयी मां ने मुंह पर ईंट मार-मारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद बगल के गढ्ढे में उसकी लाश को फेंक कर अपने प्रेमी संग वहां से फरार हो गई। 

पुलिस  अधीक्षक (नगर) दिनेश सिंह ने बताया कि गत 19 फरवरी को रोहनियां क्षेत्र में अज्ञात मृतक नाबालिग की हत्या मामले में 35 वर्षीय शांति देवी और उसके प्रेमी विकास मोदनवाल उर्फ रसद को गिरफ्तार किया। आरोपी मां शांति के मृतक बेटे की पहचान गौरव के रूप में की गई। 

उन्होंने बताया कि करीब 22 साल का विकास शांति के मकान में किरायेदार के तौर पर रहता था। शांति के पति की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी। शांति के पति ने सारी संपत्ति बेटे के नाम पर की हुई थी। इस वजह से परेशान होकर महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर हत्या का षडयंत्र रचा। इसके बाद अपने जिगर के टुकड़े की हत्या कर शव को उसी इलाके में नाले में फेंक दिया। 

आरोपी विकास और आरोपी महिला शांति ने पुलिस पूछताछ में गौरव की हत्या करने का जुर्म स्वीकार किया है। गौरव बिन्द को जान से मारने के बाद उसने गौरव के गुम होने का भेलूपुर में केस दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि विकास ने पुलिस को बताया कि शान्ति अपने बेटे की हत्या करने बात कई दिनों से कर रही थी, क्योंकि मृतक गौरव के नाम पर उसके पिता ने प्रापर्टी कर दी थी, जिसके मरने के बाद प्रापर्टी शांति देवी की हो जाती। गौरव ने महिला से प्रेम संबंध की बात स्वीकार करते हुए बताया कि वह महिला के मकान में किरायेदार है।

पुलिस पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि शान्ति ने गौरव को रोहनियां अमरा अखरी लेकर पहुंचने के लिए उसे कहा था। उसके कहने पर वह गौरव को साइकिल पर बैठाकर चितईपुर होते हुए रोहनियां अमरा अखरी के पास पहुंचा, जहां शान्ति मिली। 

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