Hindi Newsदेश न्यूज़More than 4 rape cases every hour in the country in 43 percent of cases minors are victim

देश में हर घंटे 4 से ज्यादा दुष्कर्म, 43% मामलों में नाबालिग हुईं शिकार

कभी निर्भया, तो कभी कठुआ में बेटी से दरिंदगी। शोर होता है, लोग सड़कों पर उतरते हैं। कानून सख्त करने की कवायद होती है। मगर इसके बावजूद हर रोज देश के किसी न किसी हिस्से से दुष्कर्म की खबरें आती रहती...

हिटी नई दिल्लीSat, 15 Sep 2018 09:59 AM
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कभी निर्भया, तो कभी कठुआ में बेटी से दरिंदगी। शोर होता है, लोग सड़कों पर उतरते हैं। कानून सख्त करने की कवायद होती है। मगर इसके बावजूद हर रोज देश के किसी न किसी हिस्से से दुष्कर्म की खबरें आती रहती हैं। दुष्कर्म के मामले साल दर साल डराने वाली दर से बढ़ते जा रहे हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर घंटे 4 से ज्यादा दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए। जबकि 2007 में हर घंटे दो मामले दर्ज हुए थे। 

साल दर साल बढ़ते दुष्कर्म के मामले 

वर्ष    रेप के मामले 

2007 - 19348

2008  - 20737

2009  - 21467

2010  - 21397

2011  - 22172

2012  - 24923

2013  - 33707

2014  - 36735

2015  - 34210

2016  - 38947

महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध 

वर्ष मामले (हर घंटे)

2007- 21

2008- 22

2009- 23

2010- 24

2011- 26

2012- 28

2013- 35

2014- 39

2015- 37

2016- 39

एक दशक में 25 लाख से ज्यादा मामले 

83 फीसदी की बढ़ोतरी हुई महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों में 2007 से 2016 के बीच 

1,85,312 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे 2007 में 

3,38,954 मामले दर्ज किए गए 2016 में 

11 फीसदी मामले अकेले दुष्कर्म के दर्ज किए गए 

‘अपनों’ से सुरक्षित नहीं बेटियां 

सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि दुष्कर्म के अधिकतर मामलों में पीड़िता के ‘अपनों’ ने दरिंदगी को अंजाम दिया। कभी भाई, पिता, दादा या पड़ोसी का नाम आरोपी के तौर पर सामने आया। 

94.6 फीसदी मामलों में करीबी रिश्तेदारों ने ही किया दुष्कर्म 

36,859 मामलों में (कुल 38,945) पीड़िता के रिश्तेदार ही आरोपी 

सजा का डर नहीं 

-25.5 फीसदी मामलों में ही सजा सुनाई जा सकी 2016 में 

दुष्कर्म के मामले साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन दोषियों को सजा दिलाने की बात करें, तो हम काफी पीछे छूट जाते हैं। वर्ष 2016 की बात करें तो 2012 के बाद सबसे कम आरोपियों को सजा इसी साल हुई। साल 2016 में चार में से महज एक ही आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई। अन्य संज्ञानात्मक अपराधों से तुलना करें, तो सजा का प्रतिशत सबसे कम दुष्कर्म के मामलों में ही है। 

साल सजा सुनाई गई (%) 

2007 26.4

2008 26.6

2009 26.9

2010 26.6

2011 26.4

2012 24.2

2013 27.1

2014 28.0

2015 29.4

2016 25.5

हर घंटे दो नाबालिग होती शिकार 

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो 2016 की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि 18 साल से कम उम्र की कम से कम दो बच्चियां हर घंटे बलात्कार का शिकार हो रही हैं। यानी भारत में हर घंटे दो नाबालिगों के साथ बलात्कार होता है।  जबकि 2005 में यह आंकड़ा रोजाना 11 दुष्कर्म का था।

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