यात्रीगण ध्यान दें! इंडिगो की 192 फ्लाइट्स कैंसिल, फिलहाल रिफंड-रीबुक का ऑप्शन भी नहीं
इंडिगो ने कहा, 'दुनिया भर में ट्रैवेल सिस्टम के व्यापक प्रभाव के कारण उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जो कि हमारे कंट्रोल में नहीं है। रीबुक/रिफंड का दावा करने का विकल्प अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है।'
माइक्रोसॉफ्ट की सर्विस बाधित होने से हवाई अड्डों और एयरलाइंस की उड़ानों पर तगड़ा असर पड़ा है। इंडिगो, स्पाइसजेट और अकासा को अपने नेटवर्क पर ऑनलाइन चेक-इन और बोर्डिंग प्रक्रिया में रुकावट का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारण उन्होंने ऑफलाइन ही कई सारे काम निपटाए हैं। ऐसी स्थिति में अलग-अलग एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए सलाह जारी की है। इंडिगो की ओर से शुक्रवार को कहा गया, 'फ्लाइट दोबारा बुक करने या रिफंड का दावा करने का विकल्प फिलहाल उपलब्ध नहीं है।' इस कम लागत वाली एयरलाइन ने कहा कि कई उड़ानें दुनिया भर में ट्रैवेल सिस्टम में रुकावट के कारण रद्द कर दी गई हैं। इंडिगो ने इसे लेकर कहा कि ये उसके नियंत्रण से बाहर है।
इंडिगो ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, 'दुनिया भर में ट्रैवेल सिस्टम के व्यापक प्रभाव के कारण उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जो कि हमारे कंट्रोल में नहीं है। साथ ही, रीबुक/रिफंड का दावा करने का विकल्प अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है।' एयरलाइन की ओर से इसे लेकर एक लिस्ट भी जारी की गई है, जिसमें दिखाया गया कि इंडिगो की 192 फ्लाइट्स अब तक कैंसिल हैं। इंडिगो ने आगे कहा, 'हमारे सिस्टम फिलहाल माइक्रोसॉफ्ट में समस्या की वजह से प्रभावित हैं जिसका असर अन्य कंपनियों पर भी पड़ रहा है। इस दौरान बुकिंग, चेक-इन, बोर्डिंग पास तक पहुंच और कुछ उड़ानें भी प्रभावित हो सकती हैं।'
4 मेट्रो एयरपोर्ट्स पर वॉर रूम पूरी तरह सक्रिय
विमानन कंपनी ने कहा कि हम सभी पूरी तरह से सक्रिय हैं और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। हमारी डिजिटल टीम भी इन व्यवधानों को तेजी से हल करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट एज्योर के साथ मिलकर काम कर रही है। इस बीच, इंडिगो ने 4 मेट्रो एयरपोर्ट्स पर वॉर रूम को सक्रिय कर दिया है। एयरलाइन के कर्मचारी अगले 120 मिनट में प्रस्थान करने वाले यात्रियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह सुनिश्चित करते हुए कि उड़ानें न्यूनतम देरी के साथ चल सकती हैं।
इंडिगो ने स्थिति को प्रभावी रूप से प्रबंधित करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए गए हैं। रद्द उड़ानों पर ग्राहकों को सलाह दी जा रही है कि वे हवाई अड्डों तक न पहुंचें और जहां भी संभव हो, वैकल्पिक साधनों की पेशकश की जा रही है। एयरलाइन स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और उड़ान संचालन के बारे में कोई भी निर्णय उसके क्लाउड सेवा प्रदाता के अपडेट के आधार पर किया जाएगा।