Hindi Newsदेश न्यूज़Meghalaya Nagaland Tripura assembly election final results

तीन राज्यों के जनादेश: पूर्वोत्तर में भगवा का वर्चस्व, त्रिपुरा में 25 साल बाद लाल गढ़ ध्वस्त

त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में शनिवार को विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद पूर्वोत्तर में भगवा का वर्चस्व कायम हो गया। भाजपा ने त्रिपुरा में 25 साल से सत्ता पर काबिज वाम दलों के लाल गढ़ को ध्वस्त...

नई दिल्ली, एजेंसी Sun, 4 March 2018 12:45 AM
share Share
Follow Us on

त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में शनिवार को विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद पूर्वोत्तर में भगवा का वर्चस्व कायम हो गया। भाजपा ने त्रिपुरा में 25 साल से सत्ता पर काबिज वाम दलों के लाल गढ़ को ध्वस्त करने  में कामयाबी हासिल की है। नगालैंड में भी पार्टी सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। मेघालय में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है लेकिन यहां भी भाजपा को सरकार बनाने की उम्मीद है। 

भाजपा गठबंधन अरुणाचल प्रदेश, असम और मणिपुर में पहले से काबिज है। जबकि त्रिपुरा और नगालैंड के नतीजों ने इन राज्यों में उसके सत्तारूढ़ होने का रास्ता साफ कर दिया है। 

त्रिपुरा में स्पष्ट बहुमत : त्रिपुरा में शनिवार को हुई मतगणना के बाद भाजपा ने वहां स्पष्ट बहुमत हासिल किया, जिससे प्रदेश में 25 साल से काबिज वाम मोर्चे का सत्ता से बाहर जाना तय हो गया। भाजपा गठबंधन ने 60  में से 43 सीटें हासिल की हैं। इनमें 35 सीटें अकेले भाजपा की हैं। जबकि पिछले चुनाव में सहयोगियों समेत 50  सीट जीतने वाले वाम मोर्चा को सिर्फ 16 सीटों पर जीत से संतोष करना पड़ा है। 

नगालैंड में भी एनडीए सरकार बनाने की कवायद : नगालैंड में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया। वहां सर्वाधिक सीटें सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने जीतीं, लेकिन मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग के नेतृत्व में एनपीएफ पहले ही प्रस्ताव पारित कर भाजपा के साथ गठबंधन में रहने की इच्छा जता चुका है। 

मेघालय में सरकार गठन की संभावनाएं तलाश रही भाजपा : मेघालय में भाजपा गठबंधन का प्रदर्शन त्रिपुरा और नगालैंड की तरह नहीं रहा। वहां सत्तारूढ़ कांग्रेस भी स्पष्ट जनादेश नहीं पा सकी। ऐसे में भाजपा वहां भी गैर कांग्रेसी सरकार के गठन की संभावनाएं टटोल रही है। वहीं, कांग्रेस भी सरकार बनाने की कवायद में जुटी है।

 

मोदी और शाह से पहले और बाद का पूर्वोत्तर

मोदी और शाह से पहले और बाद का पूर्वोत्तर

सात बहनें कही जाने वाली पूर्वोत्तर के सात राज्यों में वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस का वर्चस्व था। त्रिपुरा बीते 25 वर्षों से माणिक सरकार के नेतृत्व में वाम दल का गढ़ बना हुआ था। सिर्फ नगालैंड में भाजपा समर्थित सरकार थी। लेकिन बीते चार साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी सरकार के दर्जनों मंत्रियों और भाजपा संगठन से जुड़े नेताओं ने पूर्वोत्तर के धुंआधार दौरे किए। खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने त्रिपुरा का 18 दिन दौरा किया। नतीजतन, वर्ष 2018 में पूर्वोत्तर के जनादेश के बाद सिर्फ मिजोरम में कांग्रेस की सरकार रह गई है। वहीं, मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति है। 

अगला लेखऐप पर पढ़ें