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मायावती का ऐलान- चुनाव से पहले INDIA और NDA से दूरी, पर सत्ता में शामिल होंगी अगर हुआ जरूरी

मायावती ने इस दौरान किसी राज्य का नाम नहीं लिया, लेकिन अपने विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ जातिवादी तत्व साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाकर तोड़फोड़ करते हैं। इससे बचना होगा।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 25 July 2023 04:03 PM
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मायावती का ऐलान- चुनाव से पहले INDIA और NDA से दूरी, पर सत्ता में शामिल होंगी अगर हुआ जरूरी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की मीटिंग बुलाई और तैयारियों की समीक्षा की है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन और भाजपा की लीडरशिप वाले NDA गठबंधन से चुनाव में दूर ही रहने की बात कही। हालांकि एक और बात कही है, जिससे संकेत मिलते हैं कि वह राज्यों में सत्ता की हिस्सेदार बनने पर विचार कर सकती है। मायावती ने इस दौरान किसी राज्य का नाम नहीं लिया, लेकिन अपने विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ जातिवादी तत्व साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाकर तोड़फोड़ करते हैं। 

मायावती ने कहा कि इस टूटफूट के चलते स्वार्थी और जनविरोधी तत्व सत्ता में काबिज हो जाते हैं। इस तोड़फोड़ की काट भी मायावती ने निकाली है। उन्होंने कहा कि यदि बसपा अब किसी चुनाव में बैलेंस ऑफ पावर बनती है तो फिर लोगों के हिसाब से सरकार में शामिल होने पर विचार किया जाएगा। दरअसल बसपा के आधा दर्जन विधायक 2018 में राजस्थान चुनाव में जीत गए थे, लेकिन पार्टी में टूट के चलते ये लोग कांग्रेस में चले गए थे। इसे लेकर मायावती ने कांग्रेस पर तीखा हमला भी बोला था। आज मायावती का वह दर्द एक बार फिर से उभर आया और उन्होंने सत्ता में शामिल होने पर सहमति जताई।

सत्ता में शामिल ना होने से टूट रहे विधायक, मीटिंग में उठा मसला

कहा जा रहा है कि समीक्षा के दौरान यह बात भी सामने आई कि बसपा के सरकार में ना शामिल होने से ही विधायक टूट जाते हैं। ऐसे में यह फैसला लिया गया कि पार्टी अपने लेवल पर ही सत्ता में जाने का फैसला लेगी ताकि विधायकों की टूट को रोका जा सके। बता दें कि विपक्षी गठबंधन की अब तक पटना से लेकर बेंगलुरु तक दो बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन मायावती किसी में भी नहीं गईं। यही नहीं वह कांग्रेस पर भी हमला बोलती रही हैं। वह ऐलान कर चुकी हैं कि 2024 के आम चुनाव में बसपा अकेले ही चुनाव में उतरेगी। अब उन्होंने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में भी अकेले ही उतरने का फैसला लिया है। 

UP में कमजोर हुई बसपा तो दूसरे राज्यों में भी असर

बता दें कि यूपी की 4 बार सीएम रह चुकीं मायावती की पार्टी बसपा का मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में भी जनाधार रहा है। हालांकि यूपी में कमजोर पड़ने के बाद से दूसरे राड्यों में भी पार्टी कमजोर पड़ी है। गौरतलब है कि यूपी विधानसभा में बसपा का अब सिर्फ एक ही विधायक है, जहां 2012 तक वह पूर्ण बहुमत की सरकार चला रही थी।

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