हम न्याय व्यवस्था का एक शेर खो रहे हैं, जस्टिस नरीमन के रिटायरमेंट पर बोले चीफ जस्टिस
जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन सुप्रीम कोर्ट में सात सालों तक अपनी सेवाएं देने के बाद गुरुवार को रिटायर हो गए। जस्टिस नरीमन को विदाई देते समय चीफ जस्टिस ने उनके काम की तारीफ करते हुए कहा, ''हम...
जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन सुप्रीम कोर्ट में सात सालों तक अपनी सेवाएं देने के बाद गुरुवार को रिटायर हो गए। जस्टिस नरीमन को विदाई देते समय चीफ जस्टिस ने उनके काम की तारीफ करते हुए कहा, ''हम भारतीय न्याय व्यवस्था के एक शेर को खो रहे हैं।''
7 जुलाई 2014 को सर्वोच्च अदालत के जज बने जस्टिस नरीमन ने 13,500 से अधिक केसों का निपटारा किया और कई ऐतिहासिक फैसले दिए जिनमें गोपनीयता को मौलिक अधिकार करार देना, गिरफ्तारी को सक्षम बनाने वाले आईटी अधिनियम के प्रावधान को हटाना, सहमति से समलैंगिक सेक्स को अपराध से मुक्त करना और केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने का फैसला शामिल है।
जस्टिस नरीमन और जस्टिस सूर्य कांत के साथ बैठे चीफ जस्टिस ने दोपहर में सेरमोनीअल हीयरिंग के दौरान रिटायर हो रहे साथी की जमकर तारीफ की और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एससीबीए प्रेजिडेंट विकास सिंह सहित सभी इच्छुक वकीलों को उनके बारे में कुछ शब्द कहने की अनुमति दी।
चीफ जस्टिस ने कहा, ''फैसले जैसे श्रेया सिंघल केस (सोशल मीडिया पोस्ट के लिए पुलिस को गिरफ्तारी का अधिकार देने वाले आईटी एक की धारा 66A को निष्प्रभावी करना) ने कानूनी न्यायशास्त्र पर स्थायी निशान छोड़ा है। व्यक्तिगत रूप से मैं अपने विचार व्यक्त करने के लिए उत्साहित हूं। उनके रिटायरमेंट पर मैं महसूस करता हूं कि हम भारतीय न्यायपालिका के शेरों में से एक को खो रहे हैं।''