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योगेंद्र यादव और चित्रा की बहस के बीच कुमार विश्वास ने सुनाई गधे और चीते वाली कहानी

कवि कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट के जरिए ना तो किसी का नाम लिया है और ना ही किसी पर खुलकर कहा है। फिर भी लोग अपने हिसाब से इस ट्वीट के मायने निकाल रहे हैं कि आखिर उन्होंने किस पर निशाना साधा है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 23 May 2023 01:25 PM
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सोशल मीडिया पर बीते दो दिनों से टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी और योगेंद्र यादव के बीच बहस की जोरदार चर्चा है। दोनों के बीच सामाजिक न्याय को लेकर छिड़ी बहस उस वक्त तेज हो जाती है, जब चित्रा त्रिपाठी जिक्र करती हैं कि देश में पहले 10 राज्यों में ब्राह्मण मुख्यमंत्रियों और एक समय में एक चौथाई ब्राह्मण सांसदों की बात कहती हैं। इस पर योगेंद्र यादव भड़क जाते हैं कि मुझे आपकी इस बात में एक पीड़ा में दिखाई देती है। वह कहते हैं कि जैसे-जैसे लोकतंत्र का विस्तार होता है, अभिजात्य वर्ग का जो छोटा सा हिस्सा सत्ता पर काबिज होता है, उसकी पकड़ ढीली होती जाती है।

यही नहीं योगेंद्र यादव और चित्रा त्रिपाठी के बीच छिड़ी बहस ट्विटर पर भी लंबी चली थी। दोनों ने एक-दूसरे को बेहद तीखे शब्दों में संबोधित किया था। इस बीच पूरे मामले में कवि कुमार विश्वास का भी एक ट्वीट आया है। उन्होंने अपने ही अंदाज में ट्वीट किया है, जिससे यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि उन्होंने किसके लिए क्या कहा है। लेकिन लोग अपने हिसाब से उनकी टिप्पणी के मायने निकाल रहे हैं। दरअसल कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में चीते और गधे के बीच घास के रंग को लेकर छिड़ी बहस पर बात की है। 

कुमार विश्वास ने लिखा, 'एक बार एक चीते और गधे में घास के रंग को लेकर बहस हो गई। चीते ने कहा कि घास हरे रंग की होती है। गधा अड़ गया कि घास नीले रंग की होती है। दोनों के बीच दो दिन तक ट्वीट-ट्वीट से लड़ाई होती रही। बात राजा शेर के पास पहुँची। शेर ने भरे दरबार निर्णय दिया कि गधा ही ठीक बोल रहा है और चीता ग़लत। जब गधा विजय के ख़ुमार में ढेंचू-ढेंचू चिल्लाता हुआ वापस स्टूडियो चला गया तो रोते हुए चीते ने कहा 'महाराज आपने जानते-बूझते गधे को जिताकर और मुझे हराकर मुझे अपमानित क्यों किया?' शेर ने कहा तुम तो उसी पल हार गए थे जब तुमने शेर-वंशी चीता होकर एक गधे से बहस प्रारंभ की थी।'

कवि ने अपने ट्वीट के जरिए ना तो किसी का नाम लिया है और ना ही किसी पर खुलकर कहा है। फिर भी लोग अपने हिसाब से इस ट्वीट के मायने निकाल रहे हैं। कई लोगों ने तो यह भी कहा कि कुमार विश्वास ने योगेंद्र यादव पर तंज कसा है। यही नहीं कई ट्विटर यूजर ने इसे लेकर कुमार विश्वास को ही आड़े हाथों लिया है और कहा कि आपने पहले भी कई बार ट्वीट हटाए हैं। इस बार भी कहीं ऐसा ही ना करना पड़ जाए। 

योगेंद्र यादव ने क्यों कहा- अगड़ी जातियां वफादार वोटर

 बहस के दौरान योगेंद्र यादव ने भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि वह जाति की राजनीति करने में सबसे आगे है। चुनाव विश्लेषक के तौर पर पहचान रखने वाले योगेंद्र यादव ने कहा कि पहली बार उसने ही मंत्रियों की लिस्ट के साथ जाति का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि ये जो मानना है कि बाकी दल जाति की राजनीति करते हैं और बीजेपी नहीं करती है ऐसा नहीं है। योगेंद्र यादव ने कहा कि देश का सबसे बड़ा और वफादार वोट बैंक हिंदू अगड़ी जातिया हैं।

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