जाकिर नाइक के देखता था वीडियो, कट्टरपंथी व्यक्ति है शाहरुख; केरल ट्रेन आगजनी मामले में SIT का खुलासा
शाहरुख सैफी की हिरासत मिलने के बाद जांच टीम अलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस ट्रेन के दो कोच से सबूत इकट्ठा करने के लिए उसे 12 अप्रैल को कन्नूर ले गई थी जिसमें उसने आग लगा दी थी।
केरल में ट्रेन में आगजनी की घटना की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने सोमवार को कहा कि आरोपी 'बेहद कट्टरपंथी' व्यक्ति है जो पूर्व नियोजित तरीके से अपराध को अंजाम देने के लिए राज्य पहुंचा था। एसआईटी के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एम आर अजित कुमार ने कहा कि आरोपी शाहरुख सैफी विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के कट्टरता फैलाने वाले वीडियो देखता था। उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ एकत्र किए गए वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधान लागू किए गए हैं।
जांच टीम ने यूएपीए की धारा 16 लागू की है जो आतंकवादी कृत्यों के लिए सजा से संबंधित है। कुमार ने यहां मीडिया से कहा, ''हम विभिन्न राज्यों में गए और एकत्र किए गए वैज्ञानिक, दस्तावेजी और मौखिक साक्ष्य के आधार पर एक व्यापक जांच की और यूएपीए के संबंधित प्रावधानों को लागू करने का फैसला किया। वह बेहद कट्टरपंथी है। उसने जाकिर नाइक और अन्य के कट्टरता फैलाने वाले वीडियो देखे। वह पूर्व नियोजित तरीके से अपराध को अंजाम देने के लिए यहां आया था।'' वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी की उम्र 27 साल है और उसने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से प्लस टू की शिक्षा पूरी की थी। उन्होंने कहा कि जांच टीम को आरोपी और उसके द्वारा किए गए अपराध के संबंध में सबूत मिले हैं और वह इस बात की जांच कर रही है कि उसे किसी और से कोई मदद तो नहीं मिली।
शाहरुख सैफी की हिरासत मिलने के बाद जांच टीम अलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस ट्रेन के दो कोच से सबूत इकट्ठा करने के लिए उसे 12 अप्रैल को कन्नूर ले गई थी जिसमें उसने आग लगा दी थी। घटना में दो साल के बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। सैफी की पुलिस हिरासत 18 अप्रैल को खत्म होगी। कोझिकोड प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सैफी को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। इससे पूर्व चलती ट्रेन से भागने की कोशिश के दौरान लगी चोटों के इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस के मुताबिक सैफी ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है। दो अप्रैल की रात को, सैफी ने आलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस ट्रेन में अपने सह-यात्रियों को आग लगा दी थी। तब ट्रेन कोझिकोड में एलाथुर के पास कोरापुझा पुल पर पहुंची थी। इस घटना में नौ लोग झुलस गए थे, जबकि एक बच्चे सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी।