सिद्धारमैया ने तीन सालों में क्या किया? डिप्टी CM पद से DK शिवकुमार राजी नहीं; आलाकमान को दो टूक दिया जवाब
Karnataka New CM: शिवकुमार के करीबी सूत्रों ने दावा किया था कि कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष को छह विभागों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश की गई थी। इससे उन्होंने इनकार कर दिया है।
कर्नाटक में कांग्रेस की बंपर जीत के बाद अब नए मुख्यमंत्री को चुने जाने की कवायद जारी है। सीएम पद की रेस में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार हैं। दोनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौजूद हैं और कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करके अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, दोनों ही मुख्यमंत्री पद के अलावा किसी अन्य पद के लिए राजी नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, शिवकुमार ने कांग्रेस आलाकमान को बता दिया है कि वे डिप्टी सीएम पद के लिए तैयार नहीं हैं।
सूत्रों की मानें तो कनकपुरा से विधायक और कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने शीर्ष नेताओं से कहा कि या तो सीएम पद या फिर कुछ भी नहीं। सूत्रों ने कहा कि डीके शिवकुमार ने यह भी पूछा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के शीर्ष दावेदार सिद्धारमैया ने तीन साल में क्या किया है? इससे पहले, शिवकुमार के करीबी सूत्रों ने दावा किया था कि कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष को छह विभागों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश की गई थी।
पहले रिपोर्ट्स थीं कि सिद्धारमैया कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। शपथग्रहण समारोह गुरुवार को आयोजित किया जा सकता है। हालांकि, इन रिपोर्ट्स को कांग्रेस ने खारिज कर दिया और कहा कि सीएम पद के लिए विचार-विमर्श अभी चल रहा है। राज्य के एआईसीसी प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह भी कहा कि कर्नाटक में पांच साल लंबी स्थिर सरकार होगी और लोगों से अटकलों और फर्जी खबरों पर विश्वास न करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री पद की रेस में सिद्धारमैया सबसे आगे चल रहे हैं। वहीं, डीके शिवकुमार का दावा है कि साल 2019 में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार जाने के बाद से पार्टी को उन्होंने वापस खड़ा किया और फिर 2023 में चुनाव जितवाने में अहम भूमिका निभाई। कांग्रेस ने कर्नाटक में 135 विधानसभा सीटों पर कब्जा किया है और बीजेपी को करारी शिकस्त दी है। बुधवार को दिन में सिद्धारमैया और शिवकुमार ने राहुल गांधी से अलग-अलग मुलाकात की। एक दिन पहले दोनों ने खड़गे के साथ उनके आवास पर अलग-अलग बैठकें की थीं और सरकार गठन के मुद्दों पर चर्चा की थी।