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कन्नौज एक्सिडेंट: नाइट्रोजन गैस वाले टायरों के फटने से लगी आग, 20 यात्रियों के जलकर मरने की आशंका

उत्तर प्रदेश के कन्नौज मे शुक्रवार को गुरसहायगंज से जयपुर जा रही स्लीपर बस में ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। इससे ट्रक और बस में तेज धमाके के साथ भीषण आग लग गई। बस में 43 से अधिक यात्री सवार थे। इस...

Himanshu Jha हिन्दुस्तान, कन्नौजSat, 11 Jan 2020 07:27 AM
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उत्तर प्रदेश के कन्नौज मे शुक्रवार को गुरसहायगंज से जयपुर जा रही स्लीपर बस में ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। इससे ट्रक और बस में तेज धमाके के साथ भीषण आग लग गई। बस में 43 से अधिक यात्री सवार थे। इस हादसे में 18 से 20 लोगों के मरने की आशंका है.

रात 2.40 तक फोरेंसिक टीम बस से जले हुए अवशेष निकाल लिए हैं। बस को सील कर दी गई है। सुबह होने पर फिर फोरेंसिक टीम फिर जांच करेगी। 

अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि कुल कितने लोगों की मौत हुई है। सीएम के निर्देश पर घटनास्थल पर पहुंचे कानपुर के कमिश्नर एम बोबड़े के मुताबिक मृतकों की शिनाख्त डीएनए टेस्ट से होगी।

— ANI UP (@ANINewsUP) January 11, 2020

जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया कि बस मे करीब 43 लोग सवार थे। इस हादसे में 21 लोगो को अस्पताल में भतीर् कराया गया है। आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है। जो कई लोग अभी लपाता है उन्हें ढंढा जा रहा है। पूरा आंकड़ा मिलने के बाद ही सही स्थिति बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि हादसे में 15 लोगों के मारे जाने की आशंका है।

नाइट्रोजन गैस वाले टायरों के फटने से बस आग का गोला बनी थी। परिवहन विभाग की प्रारंभिक जांच में इसकी पुष्टि हुई है। टायर फटने से आग लगी और डीजल से धधक उठी। यह भी पता चला कि टकराने वाली डीसीएम में प्लास्टिक गुड्स लदे थे। बस की आग ने डीसीएम को चपेट में लिया तो स्थिति विकराल हो गई।

आमतौर पर हवाई जहाज के टायरों में नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल होता रहा है। अब लंबी दूरी की बसों में भी नाइट्रोजन वाले टायर इस्तेमाल होने लगे हैं। गैस भरी होने के नाते टायर की लाइफ ज्यादा होती है और गर्म होकर फटने का खतरा कम रहता है। कन्नौज के आरआई ने प्रारंभिक जांच के बाद तकनीकी रिपोर्ट में बस जलने की बड़ी वजह नाइट्रोजन को माना है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीएम से टकराने के टायरों में गैस होने के नाते तेज धमाका हुआ। इससे फ्यूल टैंक में भी रिसाव हो गया। डीजल के रिसाव से आग धधक उठी और पलक झपकते ही पूरी बस लपटों से घिर गई। सामने से टकराने वाले डीसीएम में लदा प्लास्टिक का सामान भी चपेट में आ गया और दोनों वाहन एक साथ आग के गोले में तब्दील हो गए। डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने बताया कि पहले गैस सिलेंडर से विस्फोट की आशंका जताई गई थी लेकिन बस के भीतर ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।

गलत साइड में जा रही थी बस
मौके पर पहुंचे डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर डीके त्रिपाठी ने बताया कि जांच में पता चला कि लग्जरी स्लीपर बस गलत साइड में जा रही थी। घना कोहरा था और सामने से आ रही डीसीएम चालक ने बचने की कोशिश की। अचानक सामने से गाड़ी आता देख बस चालक ने ब्रेक लगाई। इससे भी टायर फटने की आशंका जताई जा रही है। 

कन्नौज एआरटीओ ने किया था चालान
डीटीसी ने बताया कि हाल ही में दुर्घटनाग्रस्त बस का एआरटीओ कन्नौज ने चालान किया था। लग्जरी बसों के खिलाफ पिछले एक महीने से अभियान चल रहा था। इसी के तहत इस बस के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी।
 

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