'मैं हिंदू हूं और कभी गोमांस नहीं खाया', जगन्नाथ मंदिर में एंट्री से बवाल पर बोलीं कामिया जानी
कामिया जानी ने वीडियो में कहा, 'पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर जाने के पीछे मेरा उद्देश्य भगवान का आशीर्वाद लेना और लोगों को मंदिर के बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में सूचित करना था।'
सोशल मीडिया 'इन्फ्लुएंसर' और कर्ली टेल्स की संस्थापक कामिया जानी के श्री जगन्नाथ मंदिर जाने को लेकर उत्पन्न विवाद खड़ा हो गया है। जानी ने रविवार को कहा कि वह एक हिंदू हैं और उन्होंने कभी भी गोमांस नहीं खाया व न ही कभी इसे बढ़ावा दिया। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से माफी की विपक्षी दल कांग्रेस की मांग और सांस्कृतिक संगठन की ओर से जानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच यह बयान आया है। भाजपा ने नौकरशाह से नेता बने बीजू जनता दल (बीजद) के वीके पांडियन पर जानी को मंदिर में प्रवेश देने के लिए मदद करने का आरोप लगाया है। अब जानी ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक नया वीडियो शेयर करके यह सफाई दी।
कामिया जानी ने वीडियो संदेश में कहा, 'पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर जाने के पीछे मेरा उद्देश्य भगवान का आशीर्वाद लेना और लोगों को मंदिर के बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में सूचित करना था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरी यात्रा विवाद में पड़ गई है।' यह बताते हुए कि मंदिर प्रशासन के अपने नियम हैं, जानी ने कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने कोई नियम नहीं तोड़ा है। मैं एक हिंदू हूं। मैंने न तो कभी गोमांस खाया है और न ही इसे बढ़ावा दिया है।'
जानी पर गोमांस के सेवन को बढ़ावा देने का आरोप
जानी ने कहा कि एक 'फूड ब्लॉगर' के रूप में उन्होंने लोगों को विभिन्न स्थानों के स्थानीय व्यंजनों के बारे में जानकारी दी और केरल से संबंधित वीडियो में भी यही हुआ है, जिसके स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने वीडियो में कहा, 'यह गलतफहमी हो सकती है। यह सफाई गलतफहमी को खत्म करने के लिए है।'
इससे पहले, भाजपा ने जानी पर गोमांस के सेवन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। बीजद सांसद मानस मंगराज ने जानी की जगन्नाथ मंदिर यात्रा पर आपत्ति जताने के लिए भाजपा पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि केंद्र की भाजपा सरकार जानी को शामिल कर वृत्तचित्र बना रही है। मंगराज ने कहा, 'भाजपा सरकार ने कामिया जानी को हिंदू विरासत और मंदिरों पर फिल्म बनाने के लिए नियुक्त किया है। वह रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या और चारधाम गई हैं और आप सभी उन्हें इसके लिए स्नेह देते हैं।'