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कौन है पूर्व IPS अन्नामलाई जिसके लिए BJP ने छोड़ा साउथ का साथी, सिंघम जैसी इमेज; अमित शाह भी कर चुके तारीफ

तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक और भाजपा का गठबंधन टूट चुका है। इसकी जड़ में है एक पूर्व आईपीएस अधिकारी जिसे भाजपा वहां पर अपना मुख्य चेहरा मानता है। यह हैं भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई।

Deepak दिव्या चंद्रबाबू, चेन्नईTue, 26 Sep 2023 06:22 PM
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तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक और भाजपा का गठबंधन टूट चुका है। इसकी जड़ में है एक पूर्व आईपीएस अधिकारी जिसे भाजपा वहां पर अपना मुख्य चेहरा मानता है। यह हैं भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई। एआईएडीएमके ने एनडीए गठबंधन से दूरी को लेकर संकेत दिए हैं कि अन्नामलाई ने उनके नेताओं का अपमान किया है। इन नेताओं में तमिलनाडु के पहले मुख्यमंत्री अन्नादुरई और जयललिता जैसे बड़े नाम शामिल हैं। अन्नाद्रमुक ने अन्नामलाई के इस रवैये को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से भी शिकायत की थी, लेकिन कोई ऐक्शन नहीं हुआ। नतीजा, एआईडीएमके ने भाजपा का साथ छोड़ते हुए यह भी ऐलान कर डाला कि अभी नहीं और कभी नहीं। अब सवाल उठता है कि आखिर के अन्नामलाई है कौन, जिसे भाजपा इस कदर सपोर्ट कर रही है और इसके पीछे की वजह क्या है?

कौन हैं के अन्नामलाई
अन्नामलाई का जन्म 1984 में तमिलनाडु के करूर जिले में थोटामपट्टी गांव में हुआ था। उन्होंने कोयंबटूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई थी। इसके बाद आईआईएम लखनऊ से एमबीए किया। जून 2019 में जब अन्नामलाई ने आईपीएस की नौकरी छोड़ी थी तो वह बेंगलुरु साउथ के डिप्टी पुलिस कमिश्नर थे।अपने सख्त मिजाज और ईमानदार छवि के चलते तमिलनाडु में उनकी पहचान सिंघम जैसी रही है। भाजपा ज्वॉइन करने के करीब साल भर बाद, जुलाई 2021 में प्रदेश अध्यक्ष बन गए। अन्नामलाई वेल्लाला गौंडर जाति से आते हैं। तमिलनाडु के चुनाव में यह जाति काफी रणनीतिक महत्व रखती है। अन्नामलाई के जरिए भाजपा इस वोटबैंक पर फोकस करना चाहती है। खास बात यह भी है कि अन्नामलाई उसी जाति से आते हैं, जिस जाति से पलानीस्वामी आते हैं। भाजपा इस पूर्व आईपीएस के जरिए पलानीस्वामी के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है। अन्नामलाई की तेजतर्रार छवि का फायदा भाजपा तमिलनाडु में अपनी सियासी पकड़ को मजबूत बनाने में कर रही है। 

अमित शाह भी कर चुके हैं तारीफ
अन्नामलाई भाजपा के लिए किस कदर अहम हैं, यह इससे साबित हो जाता है कि पार्टी ने यहां पर अन्नाद्रमुक का साथ छोड़ना उचित समझा। जुलाई में ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अन्नामलाई को तमिल में थांबी कहा था, जिसका अर्थ होता है, छोटा भाई। इसके अलावा शाह ने उनके काम की तारीफ भी की थी। एक भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अन्नामलाई ने वह सब किया, जिसकी बदौलत पार्टी तमिलनाडु में सुर्खियों में है। वह लगभग हर दिन प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं और सुनिश्चित करते हैं पार्टी लगातार खबरों में रहे। अन्नाद्रमुक के खिलाफ समेत उनके तमाम बयानों ने लोगों का ध्यान खींचा है। एक अन्य भाजपा नेता ने बताया कि अन्नामलाई ने यहां पर कई पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं को साइडलाइन कर दिया गया है। बताया जाता है कि हाल ही में अन्नामलाई ने भाजपा की अंदरूनी बैठक में राजनीति छोड़ने तक की धमकी दे डाली थी। उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी अन्नाद्रमुक संग गठबंधन जारी रखती है तो वह ऐसा करने से पीछे नहीं हटेंगे।

अन्नाद्रमुक से दूरी की वजह अन्नामलाई का बयान?
कुछ दिन पहले अन्नामलाई ने कहा था कि तमिलनाडु के पहले सीएम और कद्दावर  द्रविड़ियन नेता अन्नादुरई ने हिंदू धर्म का अपमान किया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इसके चलते उन्हें मदुरै में छिपना पड़ा था और माफी मांगने के बाद बाहर निकल पाए थे। एआईएडीएमके ने उनके इस दावे को बकवास बताया था। हालांकि इसके बाद दोनों दलों के बीच दूरी बनने लगी थी। यह तनाव 11 सितंबर तो तब और बढ़ गया अन्नामलाई ने कहा कि अन्नादुराई की बात को सही साबित करने उनके पास 1956 के अखबार हैं। अन्नाद्रमुक नेता केपी मुनुस्वामी ने भाजपा की राज्य इकाई पर अन्नादुराई और दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता का अपमान करने और उनकी विचारधारा की आलोचना करने का आरोप लगाया।

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