दिल्ली में होटल के आम कमरे में ही क्यों रुके थे जस्टिन ट्रूडो, भारत सरकार ने दिया था खास सुइट; कयास तेज
G-20 शिखर सम्मेलन में ट्रूडो के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत कई बड़े नेता पहुंचे थे। सभी VVIP मेहमानों के लिए लग्जरी होटल में प्रेसिडेंशियल सईट बुक थे।
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका की आशंका जता चुके कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो चर्चा में हैं। अब उन्हें लेकर एक ओर खुलासा हुआ है कि G-20 शिखर सम्मेलन में भारत पहुंचने के बाद उन्होंने होटल के एक साधारण रूम में रुकना पसंद किया था। हालांकि, इसे लेकर भारत या कनाडा सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन कनाडा पीएम का यह रवैया बड़ी पहेली बना हुआ है।
राजधानी में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन में ट्रूडो के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत कई बड़े नेता पहुंचे थे। सभी VVIP मेहमानों के लिए लग्जरी होटल में प्रेसिडेंशियल सुइट बुक थे। अब एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि ट्रूडो ने द ललित होटल के अपने सुइट का इस्तेमाल नहीं किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, वह लंबे समय तक होटल के एक साधारण कमरे में ही रहे। फिलहाल, अब तक इसकी वजह साफ नहीं हो सकी है। भारत सरकार ने दुनियाभर से आए VVIP मेहमानों के लिए खास सुरक्षा इंतजाम किए थे।
प्लेन भी हुआ था खराब
भारत यात्रा के दौरान कनाडा सरकार को एक और परेशानी का सामना तब करना पड़ा, जब ट्रूडो के विमान में खराबी आ गई। दो दिवसीय बैठक के बाद 10 सितंबर को कनाडा वापस रवाना होना था। हालांकि, इस परेशानी से उबरने में कनाडाई प्रधानमंत्री को पांच दिन लग गए और वह 12 सितंबर को भारत से रवाना हुए।
कमरे से नहीं निकले
भारत में 8 से 10 सितंबर के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था। खबर है कि विमान में तकनीकी खामी आने के चलते ट्रूडो काफी प्रभावित हुए थे। वह 11 सितंबर को होटल के कमरे से भी बाहर नहीं निकले। इतना ही नहीं इस परेशानी के चलते कनाडा की मीडिया ने भी ट्रूडो सरकार को जमकर घेरा था।
ताजा विवाद क्या
हाल ही में कनाडा की संसद में ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या की जांच कराए जाने की जानकारी दी थी। उन्होंने इस हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ होने की आशंका जाहिर की थी। हालांकि, भारत ने कनाडा सरकार के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था और उग्रवादियों को पनाह देने के आरोप लगाए थे।