अब घुसपैठियों का भारतीय सीमा में घुसना होगा नामुमकिन, बन रहा मजबूत तंत्र
सीमा सुरक्षा बल भारत-पाक सीमा पर निगरानी के लिए मजबूत तंत्र बना रहा है। नौ अलग-अलग अत्याधुनिक किस्म के सेंसर का उपयोग घुसपैठ का पता लगाने के लिए किया जा रहा है। बीएसएफ का कहना है कि सभी तरह के...
सीमा सुरक्षा बल भारत-पाक सीमा पर निगरानी के लिए मजबूत तंत्र बना रहा है। नौ अलग-अलग अत्याधुनिक किस्म के सेंसर का उपयोग घुसपैठ का पता लगाने के लिए किया जा रहा है। बीएसएफ का कहना है कि सभी तरह के जरूरी उपकरणों की खरीद की जा रही है, जिससे सीमा पर सुरक्षा तंत्र को अभेद्य बनाने में मदद मिले। समग्र और समेकित सीमा प्रबंधन व्यवस्था के तहत सीमा पर आधुनिक तरीके से निगरानी तंत्र विकसित करने का प्रयास हो रहा है। स्नाइपिंग से बचने के लिए सीमा सुरक्षा बल डीआरडीओ की मदद भी ले रहा है।
अत्याधुनिक उपकरणों की संख्या बढ़ेगी
सीमा सुरक्षा बल के सूत्रों ने कहा कि कई स्तरों पर तैयारी चल रही है। ड्रोन के अलावा स्पेस तकनीकी की मदद से निगरानी के अलावा अत्याधुनिक उपकरणों की संख्या बढ़ाई गई है। ऐसे सेंसर सीमा पर लगाए जा रहे हैं, जो पानी व जमीन के भीतर की गतिविधियों का भी पता लगा सकें। इससे छोटे-छोटे नालों व सुरंग का इस्तेमाल करके सीमा पार से घुसपैठ का प्रयास करने वाले आतंकियों को रोका जा सके।
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इलाके के हिसाब से उपकरण
आप्टिकल थर्मल इमेजर के अलावा कई अन्य तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुरक्षा बल के सूत्रों ने कहा कि कई इलाकों में जमीन नरम है। कई जगहों पर नाले हैं। घने जंगल है। एक ही तकनीकी हर जगह पर कारगर नहीं हो सकती है। इसलिए समेकित व्यवस्था में अलग अलग तरह के थर्मल इमेजर व सेंसर प्रयोग किए जा रहे हैं।
एडी गन की संख्या भी बढ़ेगी
बीएसएफ की ओर से गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजकर अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद करने को कहा गया है। सुरक्षा बल सीमा पर जमीनी घुसपैठ रोकने के अलावा हवा में संदिग्ध गतिविधियों को तुरंत जवाब देने के लिहाज से सक्षम हो इसके लिए एअर डिफेंस गन की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि अत्याधुनिक एडी गन डेढ़ हजार मीटर की ऊंचाई तक निशाना साधने में सक्षम है।