सफर में यात्रियों को कोरोना से बचाने के लिए रेलवे ने बनाया मास्टरप्लान, जानें क्या-क्या होगा
रेलवे बोर्ड ने ट्रेन परिचालन के दौरान लाखों रेल यात्रियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए कार्य योजना बना ली है। इसके तहत ट्रेन को प्रत्येक फेरे के बाद साबुन अथवा सैनेटाइजर स्प्रे से...
रेलवे बोर्ड ने ट्रेन परिचालन के दौरान लाखों रेल यात्रियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए कार्य योजना बना ली है। इसके तहत ट्रेन को प्रत्येक फेरे के बाद साबुन अथवा सैनेटाइजर स्प्रे से कीटाणु मुक्त किया जाएगा। प्रत्येक स्टॉप पर टॉयलेट की अच्छे से सफाई की जाएगी। सफर के दौरान हर दो घंटे में कोच और टायलेट के दरवाजे के हैंडल, रेलिंग, खिड़कियां आदि को सेनेटाइजर स्प्रे से साफ किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि भारतीय रेलवे 15 अप्रैल से कुछ ट्रेनों का परिचालन कर सकता है। मगर भी इस पर पूरी तरह से फैसला नहीं लिया गया है।
रेलवे दस्तावेजों में उल्लेख है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी ट्रेन व रेलवे स्टेशनों की ठीक प्रकार से सफाई करना अति आवश्यक है। हर फेरे के बाद ट्रेन के प्रत्येक कोच को साबुन अथवा सेनेटाइजर स्प्रे से साफ किया जाएगा। कोच के भीतर पर्दे नहीं लगाए जांएगे। खिड़की के पर्दे आसानी से धुलने व सूखने वाले होने चाहिए।
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टीटीई यात्रियों को मास्क उपलब्ध कराएंगे
ट्रेन का फेरा पूरा होने पर रेलवे के रनिंग स्टाफ सहायक ड्राइवर, ड्राइवर, गार्ड, टीटीई, कोच सहायक व इलेक्ट्रिकल-मैकेनिकल कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी। रनिंग स्टाफ को चेहरे पर मास्क व हाथों में दस्तानें पहनना जरूरी होगा। वेटिंग हॉल, रिटायरिंग रूम, डॉरमेट्री की सफाई का काम निरंतर चलेगा। जिन रेल यात्रियों के पास मास्क नहीं होंगे, टीटीई उनको उपलब्ध कराएंगे।
रेलवे कर्मचारियों के बचान को चलेगी मुहिम
मध्य रेलवे ने अपने कर्मचारियों को कोरोना से बचाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर लिया है। इसमें सभी 13 लाख कर्मचारियों की जानकारी एकत्र कर उन सबके लिए संभावित पृथकवास सुविधाओं की पहचान करना शामिल है। रेल परिवार देखरेख मुहिम दस्तावेज में कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए जोनल रेलवे द्वारा पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देशों की एक सूची है।
इसके अलावा, 15 अप्रैल से संभावित परिचालन में यात्रियों को ट्रेन के सफर में बहुत कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एयरपोर्ट की तर्ज पर रेल यात्रियों को स्टेशन पर करीब सफर शुरू होने से चार घंटे पहले जाना होगा। ताकि यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की जा सके। स्टेशन पर केवल आरक्षित टिकट वाले यात्री को प्रवेश करने की अनुमति होगी। इस दौरान प्लेटफार्म टिकट की भी नहीं बिक्री नहीं होगी। तो चलिए जानते हैं और क्या-क्या होंगे बदलाव....
सफर में क्या-क्या बदलवा देखने को मिलेंगे।
- रेलवे सिर्फ नॉन एसी ट्रेन (स्लीपर श्रेणी) ट्रेन चलाएगा। ट्रेनों में एसी श्रेणी कोच नहीं होंगे।
- यात्रा से 12 घंटे पहले यात्री को अपनी सेहत की जानकारी रेलवे को देना अनिवार्य होगा।
- कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर रेल यात्री को बीच सफर में ट्रेन से जबरिया उतार दिया जाएगा।
- यात्री को 100 फीसदी रिफंड वापस दिया जाएगा।
- रेलवे वरिष्ठ नागरिकों सफर नहीं करने का सुझाव भी देगी।
- ट्रेन तक जाने के लिए यात्रियों को विशेष टनल से गुजरना होगा
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होगा
- कोच में यात्री कोई यात्री खांसी, जुकाम, बुखार आदि जैसे कोरोना वायरस जैसे लक्षण पाए जाते हैं तो टीटीई व अन्य रनिंग स्टाफ ऐसी यात्री को बीच रास्ते में ट्रेन रुकवा कर नीचे उतार दिया जाएगा।
- ट्रेन के सभी चारो दरवाजे बंद रहेंगे। जिससे गैर जरुरी व्यक्ति का प्रवेश नहीं हो सकेगा।
- ट्रेन पूरी तरह से नॉन एसी होगी और नॉन स्टाप (एक स्टेशन व दूसरे स्टेशन) चलेगी। जरुरत के मुताबिक एक अथवा दो स्टेशनों पर रोका जा सकता है।
- ट्रेन की कोच की साइड बर्थ खाली रहेगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके।
- इसके अलावा एक केबिन (छह बर्थ मिलाकर एक केबिन) में सिर्फ दो यात्री सफर करेंगे।
वेटिंग टिकट वाले नहीं चढ़ पाएंगे
रेलवे अधिकारी ने बताया कि ट्रेन परिचालन संबंधी प्रोटोकॉल तैयार हैं। कोरोना पर गठित मंत्रियों के समूह के निर्देश-सुझाव के अनुसार उक्त प्रोटोकाल को यथावत अथवा बदलाव के साथ लागू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में 307 ट्रेन चलाने की योजना है। इसमें से एडवांस बुकिंग के चलते 133 ट्रेन में सीटे हाउसफुल होने के कारण लंबी वेटिंग चल रही हैं। वेटिंग टिकट को रद किया जाएगा।