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रेल मंत्री ने दी बड़ी खुशखबरी, बारिश को लेकर बुलेट ट्रेन में अपनाई जाएगी खास तकनीक

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट कॉरिडोर का निर्माण नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड कर रही है। इसके अनुसार, ट्रैक रखरखाव केंद्र ट्रैक के पास स्थापित वर्षा गेज से मिले आंकड़ों की निगरानी करेगा।

Niteesh Kumar एजेंसी, नई दिल्लीFri, 14 June 2024 08:21 PM
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केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन सर्विस को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि बुलेट ट्रेन की सुरक्षित आवाजाही के लिए ऑटोमेटेड रेनफॉल मॉनिटरिंग सिस्टम अपनाया जाएगा। अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'बुलेट ट्रेन सेवाओं के सुरक्षित संचालन के लिए एक स्वचालित वर्षा निगरानी प्रणाली को अपनाया गया है। यह प्रणाली एडवांस्ड इंस्ट्रूमेंटल सिस्टम से सुसज्जित वर्षामापी यंत्रों का इस्तेमाल करेगी। इसस बारिश को लेकर वास्तविक समय वाले आंकड़े हासिल किए जाएंगे।' 

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट कॉरिडोर का निर्माण नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) कर रही है। इसके अनुसार, ट्रैक रखरखाव केंद्र ट्रैक के पास स्थापित वर्षा गेज से मिले आंकड़ों की निगरानी करेगा। एनएचएसआरसीएल के एक अधिकारी ने कहा, ‘इन आंकड़ों को ट्रेन यातायात नियंत्रक के साथ साझा किया जाता है। इससे ट्रेन की गति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को लागू करने सलाह दी जाती है। दरअसल, ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी। इसलिए इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर मिनट सावधानी बरती जा रही है।’

बुलेट ट्रेन की 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
रेल मंत्रालय ने बुलेट ट्रेन परियोजना के पहले चरण गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच 50 किलोमीटर लंबे खंड के अगस्त 2026 तक पूरा होने की घोषणा की है। एनएचएसआरसीएल के अनुसार, बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपनी अधिकतम गति से चलेगी। यह 508 किलोमीटर की दूरी दो घंटे और 58 मिनट में तय करेगी, जिसमें सभी 10 स्टेशनों पर इसका ठहराव समय भी शामिल है। बुलेट ट्रेन मुंबई से शुरू होगी। यह 10 स्टेशनों (ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद और अहमदाबाद) को कवर करने के बाद साबरमती पर समाप्त होगी। बुलेट ट्रेन परियोजना में 508 किलोमीटर में से 352 किलोमीटर गुजरात और दादर एवं नगर हवेली में पड़ता है जबकि शेष 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में है। इसमें कुल 12 स्टेशन हैं, जिनमें से 8 गुजरात में और 4 महाराष्ट्र में हैं।  

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