अब चीन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, भारत ने शुरू की माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प की घातक युद्धक समूहों में तैनाती
अरुणचाल प्रदेश और सिक्किम में चीन ने एलएसी के निकट हाल में अपने सैनिकों का जमावड़ा बढ़ाया है और बुनियादी सैन्य संरचना में भी बढ़ोत्तरी की है। इसके जवाब में भारतीय सेना ने माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प को...
अरुणचाल प्रदेश और सिक्किम में चीन ने एलएसी के निकट हाल में अपने सैनिकों का जमावड़ा बढ़ाया है और बुनियादी सैन्य संरचना में भी बढ़ोत्तरी की है। इसके जवाब में भारतीय सेना ने माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प को एकीकृत युद्धक समूहों में परिवर्तित करके तैनाती शुरू कर दी है। संभावना व्यक्त की गई है कि अगले चार-छह महीनों के भीतर यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प को ऊंचे इलाकों में युद्ध लड़ने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। जबकि अब इसे छोटे-छोटे युद्धक समूहों में परविर्तित कर तैनात किया जा रहा है ताकि त्वरित प्रतिक्रिया में सक्षम बनाया जा रहा है।
सेना के सूत्रों के अनुसार, जमीनी स्तर पर युद्धक समूह तैनात किए जा रहे हैं। साथ ही इसके लिए सैन्य संरचना में आवश्यक प्रशासनिक बदलाव भी किए जा रहे हैं। माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प और एकीकृत युद्धक समूहों ने हाल में अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में युद्धाभ्यास भी किया था। सूत्रों के अनुसार, कम से कम चार समूह अब तक तैयार किए जा चुके हैं जिनकी संख्या में भविष्य में और बढ़ाई जाएगी। युद्धक समूहों में इंफेट्री, आर्टलरी तथा आर्मर्ड ब्रिगेड की यूनिटों को मिलाया गया है, जिनमें मूलत पैदल सैनिक, तोप वाले दस्त तथा शस्त्र वाहन दस्ते शामिल किये जा रहे हैं।
समूह में सैनिकों की संख्या करीब चार हजार के करीब रखी गई है। अभी तक बटालियन के रूप में सेना की तैनाती होती थी जिसमें दस हजार से ज्यादा जवान होते थे। लेकिन एकीकृत युद्धक समूहों का आकार छोटा बनाया गया है। इन्हें 10-12 घंटे के भीतर युद्ध के लिए तैयार कर लिया जाता है। जबकि बटालियन को तैयार करने में दो दिन तक का समय लगता है।
सूत्रों के अनुसार माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प अब अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से लगती एलएसी पर पूरी तरह से ध्यान दे रही है। जबकि पश्चिमी क्षेत्र जिसमें लद्दाख एवं अन्य इलाके आते हैं वहां दूसरे कॉर्प को तैनात किया गया है। दरअसल, चीन की तरफ से हाल में अरुणाचल में एलएसी के करीब क्षेत्रों में सैनिकों की संख्या में इजाफा किया गया है। साथ ही सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया गया है। इसी प्रकार नए सीमा कानून के जरिये आने वाले दिनों में सीमार्वती क्षेत्र में चीनी सेना की गतिविधियां तेज होने की संभावना है जिसके जवाब में स्ट्राइक कॉर्प को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सूत्रों के अनुसार माउंटेन कॉर्प की संख्या बढ़ाने के भी प्रयास भी चल रहे हैं। इसमें अभी पांच ब्रिगेड हैं जिनमें तीन इंफ्रेंट्री तथा एक-एक आट्रलरी, एयर डिफेंस तथा इंजीनियरिंग ब्रिगेड है जिनमें जवानों की कुल संख्या 22-25 हजार के करीब है। मूलत रूप से माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प का जो खाका तैयार किया गया था उसमें 80 हजार जवानों की तैनाती की योजना थी।