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अंधेरे में भी दुश्मनों को मार गिराएगा ‘थर्मल इमेजिंग’, जानें क्या है ये उपकरण

सेना के लिए रात में लंबी दूरी तक दुश्मन पर नजर रखकर उन पर सटीक निशाना लगाने में मदद करने वाले उपकरण ‘थर्मल इमेजिंग’ नाइट साइट उपकरण की खरीद के लिए मंजूरी दे दी गई। रक्षा खरीद परिषद...

लाइव हिन्दुस्तान टीम नई दिल्लीTue, 29 May 2018 02:20 AM
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सेना के लिए रात में लंबी दूरी तक दुश्मन पर नजर रखकर उन पर सटीक निशाना लगाने में मदद करने वाले उपकरण ‘थर्मल इमेजिंग’ नाइट साइट उपकरण की खरीद के लिए मंजूरी दे दी गई। रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने 6,900 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के उपकरणों की खरीद को सोमवार को मंजूरी दी। जिसमें ‘थर्मल इमेजिंग’ नाइट साइट भी शामिल है जिसका इस्तेमाल रॉकेट लांचर से घुप्प अंधेरे में भी दुश्मन के बंकरों पर सटीक निशाना साधा जा सकता है। 

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रॉकेट लॉन्चरों के लिए ‘थर्मल इमेजिंग’ (टीआई) नाईट साइट  का इस्तेमाल थल सेना और वायु सेना करेगी। स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की कोशिश के तहत इन्हें प्रमाणित भारतीय विक्रेताओं के जरिये खरीदा जाएगा। बयान में कहा गया है कि 84 मिमी रॉकेट लॉन्चर के लिए टीआई साइट का इस्तेमाल सैनिक पूरी तरह से अंधेरे में लगातार आगे बढ़ने और बंकरों को नष्ट करने के अभियानों में करेंगे। नाइट साइट रात के दौरान कहीं अधिक क्षमता के साथ सैनिकों को दुश्मनों के टैंकों का पता लगाने और सैनिकों के आगे बढ़ने में मदद करेगा।

आईआरएसटी की खरीद को भी मंजूरी

डीएसी ने सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के लिए कम से कम 100 इंफ्रारेड इमेजिंग सर्च एंड ट्रैक सिस्टम (आईआरएसटी) की खरीद को भी मंजूरी दी है। यह प्रणाली दिन और रात की परिस्थितियों में काम करने में सक्षम होगी और लड़ाकू विमानों की क्षमता बढ़ाएगा।

32,253 करोड़ के उपकरण ' मेड इन इंडिया’ होंगे

बयान में कहा गया है कि पिछले आठ महीनों में डीएसी ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है और इसमें स्वदेशीकरण पर काफी जोर दिया है। करीब 43,844 करोड़ रुपये के उपकरणों की खरीद की मंजूरी दी गई, जिनमें 32,253  करोड़ रुपये के उपकरण ' मेड इन इंडिया  होंगे।

जुलाई तक तैयार होंगे 13 हजार बंकर : राजनाथ

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में रमजान के दौरान सुरक्षा बलों के अभियान स्थगित करने का अच्छा असर हुआ है और घाटी में पथराव की घटनाओं में काफी कमी आई है। सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने कठुआ, सांबा, जम्मू , राजौरी और पुंछ जिलों में 14 हजार से अधिक बंकर बनाने के लिए 415 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की है। उन्होंने कहा कि इनमें से 13 हजार बंकर जुलाई तक बनकर तैयार हो जाएंगे। 

गृह मंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक में मंत्रालय के जम्मू कश्मीर मामलों के विभाग के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से इस वर्ष अब तक 1252 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया है। इसे देखते हुए नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ बनाए जाने वाले बंकरों के निर्माण कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए जिससे कि निर्दोष लोगों को फायरिंग की चपेट में आने से बचाया जा सके। 
बैठक में बताया गया कि सीमा पार से होने वाली फायरिंग के पीडितों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल से स्वीकृत दरों पर मुवाअजा देने का निर्णय लिया गया है और पशुधन के मामले में मुआवजे के लिए तीन दुधारू पशुओं के मारे जाने की शर्त हटा दी गई है। सिंह ने निर्देश दिया कि पशुधन के लिए दिए जाने वाले मुआवजे की राशि मौजूदा 30 से बढ़़ाकर 50 रुपये हजार की जाए।

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