भारत ने नए किस्म की बैलिस्टिक मिसाइल का किया सफल परीक्षण, बिना GPS पाक-चीन में मचा सकती है तबाही
Ballistic Missile Test Successfully : ANI ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि पिछले हफ्ते अंडमान में एक द्वीपीय परीक्षण रेंज में Su-30 MKI फाइटर जेट द्वारा इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है।
भारत ने मंगलवार को ओडिशा को बालासोर तट से मध्यम दूरी की एक नए किस्म की बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने कहा कि परीक्षण ने अभियान की पूरी क्षमता को साबित किया है और नयी प्रौद्योगिकियों को मान्य बनाया है। भारतीय वायु सेना द्वारा किए बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण की मारक क्षमता 250 किलोमीटर हैय़ यानी 250 किलोमीटर से अधिक दूरी तक दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है।
सूत्रों ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण ओडिशा अपतटीय क्षेत्र में अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया और यह आवश्यक मापदंडों पर खरी उतरी। सूत्रों के मुताबिक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारतीय वायु सेना द्वारा परीक्षण की गई मिसाइल इजरायली मूल की क्रिस्टल मेज 2 हवा से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे ROCKS के नाम से भी जाना जाता है।
समाचार एजेंसी ANI ने राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से बताया है कि पिछले हफ्ते अंडमान में एक द्वीपीय परीक्षण रेंज में Su-30 MKI फाइटर जेट द्वारा इस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
भारतीय वायुसेना अब मेक इन इंडिया के जरिए बड़ी संख्या में इजरायली मिसाइलें हासिल करने की योजना बना रही है क्योंकि उनमें अनोखी क्षमता होती है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, मिसाइल, जिसे भारतीय वायुसेना द्वारा Su-30 लड़ाकू विमान से दागा गया था, पहले ऊपर की ओर गई और फिर तेज गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए है और सटीक निशाना साधने में कामयाब रही।
बता दें कि क्रिस्टल मेज-2 काफी समय पहले इजराइल से भारतीय वायुसेना में शामिल की गई क्रिस्टल मेज-1 से बिल्कुल अलग है। क्रिस्टल मेज़ 2 एक विस्तारित स्टैंड-ऑफ रेंज वाली हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। भारतीय वायुसेना द्वारा दुश्मनों के लंबी दूरी के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों जैसे उच्च-मूल्य वाले स्थिर और स्थानांतरित लक्ष्यों पर हमला करने के लिए इसका उपयोग करने की योजना बनाई गई है।
दावा किया गया है कि यह मिसाइल बिना जीपीएस लोकेशन के भी अपने टारगेट को मीट सर सकती है, जैसा कि कारगिल युद्ध के दौरान भारत ने किया था। इसके अलावा यह बैलिस्टिक मिसाइल वायु रक्षा प्रणालियों को भी झांसा देकर दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकती है।