Hindi Newsदेश न्यूज़India rejects US Commission on International Religious Freedom USCIRF criticism on reported treatment of Covid19 patients

हिन्दू-मुस्लिम के आधार पर अलग कोरोना वार्ड? अमेरिकी आयोग को भारत का करारा जवाब, कहा- गुमराह मत कीजिए

कोरोना वायरस के कहर के बीच भारत के प्रयासों को अमेरिकी आयोग की तरफ से धार्मिक रंग दिए जाने पर भारत सरकार ने करारा जवाब दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी...

Shankar Pandit लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीThu, 16 April 2020 06:50 AM
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कोरोना वायरस के कहर के बीच भारत के प्रयासों को अमेरिकी आयोग की तरफ से धार्मिक रंग दिए जाने पर भारत सरकार ने करारा जवाब दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) की ओर से गुजरात के अस्पताल से जुड़ी उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उसने इस बात की आलोचना की थी कि यहां धार्मिक आधार पर कोरोना मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड हैं। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अहमदबाद के एक अस्पताल में कोरोना मरीजों को धार्मिक पहचान के आधार पर अलग-अलग वार्ड में रखा गया है।

बुधवार को विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग यानी यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है। यह रिपोर्ट भारत में कोरोना से निपटने के लिए पेशेवर मेडिकल प्रोटोकॉल को लेकर गुमराह करने वाली है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग को कोरोना महामारी से निपटने के भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को धार्मिक रंग देना बंद करना चाहिए।

अमेरिकी आयोग ने क्या कहा था
अमेरिकी आयोग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था कि वह इन खबरों को लेकर चिंतित है कि अस्पताल में हिंदू और मुस्लिम मरीजों को अलग किया जा रहा है। उसने कहा कि इस तरह के कदम भारत में मुसलमानों को कलंकित किए जाने की घटनाओं को बढ़ाने में मदद करेंगे और इन अफवाहों को और तेज करेंगे कि मुस्लिम कोविड-19 फैला रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट में क्या था
इस रिपोर्ट में कहा गया कि अहमदाबाद में कोरोना मरीजों का इलाज हिन्दू-मुस्लिम धर्म के आधार पर अलग-अलग वार्ड में किया जा रहा है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में धर्म के आधार पर कोरोना वायरस से संक्रमित हिंदू और मुस्लिम मरीजों और संदिग्धों के लिए अलग-अलग वार्ड (कोविड-19 वार्ड) बनाए गए हैं। बताया जा रहा है कि सरकार के फैसले के तहत ही दोनों समुदाय के मरीजों को अलग-अलग रखने की यह व्यवस्था की गई है। इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. गुणवंत एच राठौड़ के हवाले से कहा गया है कि यहां हिन्दू और मुस्लिम मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं, इस तरह से अस्पताल में कोरोना वायरस के कुल मरीजों के लिए ऐसे 1200 बेड हैं। हालांकि, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने इस घटना की जानकारी होने से इनकार कर दिया। 

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