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बुलेट ट्रेन को लेकर आई बड़ी खुशखबरी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो शेयर कर दी जानकारी

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन के लिए भारत में पहली बार स्पेशल ट्रैक सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जो कि गिट्टी रहित होगा। रेल मंत्री ने इसे लेकर वीडियो शेयर किया है।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 29 March 2024 08:51 PM
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मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। इसके लिए देश का पहला गिट्टी रहित ट्रैक सिस्टम तैयार किया जा रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर इस प्रोजेक्ट को लेकर एक वीडियो शेयर किया। साथ ही उन्होंने इसकी प्रगति को लेकर भी जानकारी दी। वैष्णव ने बताया कि 295 किमी पियर और 153 किमी. के वायाडक्ट का काम पहले ही पूरा हो चुका है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि मोदी 3.0 में और भी बहुत कुछ आने वाला है।

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन के लिए भारत में पहली बार स्पेशल ट्रैक सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जो कि गिट्टी रहित होगा। यह जे-स्लैब बैलेस्टलेस ट्रैक सिस्टम है। इस ट्रैक सिस्टम के मुख्य रूप से 4 भाग हैं। आरसी ट्रैक बेड, सिमेंट मोर्टार, प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब और रेल विद फास्टनर्स। प्री-कास्ट आरसी ट्रैक स्लैब का निर्माण देश के ही 2 शहरों में किया जा रहा है। गुजरात के आनंद और किम में यह काम चल रहा है। लगभग 35 हजार मिट्रिक टन रेल आ चुकी है। ट्रैक निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है। यह अद्वितीय ट्रैक सिस्टम बेहतरीन इंजीनियरिंग की मिसाल है। यह मेक इन इंडिया का शानदार उदाहरण भी पेश करता है। 

हवा की गति मापने के लिए लगेंगे एनीमोमीटर
बता दें कि इस हाई स्पीड ट्रेन को तेज हवा या आंधी तूफान के कारण नुकसान के लिए खास कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए 508 किलोमीटर के मार्ग में 14 स्थानों पर हवा की गति मापने के लिए एनीमोमीटर लगाने का फैसला हुआ है। राष्ट्रीय हाईस्पीड रेल निगम लिमिटेड ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर देश के पश्चिमी हिस्से में तटीय क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जहां हवा की गति विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों में केंद्रित है। इन तेज हवाओं में पुल पर ट्रेन संचालन को प्रभावित करने की क्षमता होती है। इसके समाधान के लिए वायाडक्ट पर एनीमोमीटर लगाने के लिए 14 स्थानों की (गुजरात में 9 और महाराष्ट्र में 5) पहचान की गई है। ये उपकरण विशेष रूप से हवा की गति की मॉनिटरिंग करते हुए, नदी पुलों और तेज हवा की संभावना वाले क्षेत्रों में केंद्रित होंगे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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