अब पूर्वी मोर्चे पर चीन को मुंहतोड़ जवाब देगा भारत, हासीमारा एयरबेस पर तैनात किए राफेल विमान
चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर जारी तनातनी के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाया है। भारतीय वायु सेना ने पश्चिम बंगाल के हासीमारा वायुसैनिक अड्डे पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया की उपस्थिति...
चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर जारी तनातनी के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाया है। भारतीय वायु सेना ने पश्चिम बंगाल के हासीमारा वायुसैनिक अड्डे पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया की उपस्थिति में पूर्वी वायु कमान की 101 स्क्वाड्रन में औपचारिक तौर पर राफेल लड़ाकू विमानों को शामिल किया। 101 स्क्वाड्रन वायुसेना की राफेल लड़ाकू विमानों से सुसज्जित दूसरी स्क्वाड्रन है। पिछले साल सितंबर में राफेल लड़ाकू विमानों को 17 'ग्लोबल ऐरो' स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था। भारत और चीन के बीच पिछले साल मई से ही पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बना हुआ है। पूर्वोत्तर में चीन के साथ सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश की सीमा लगती है।
वायु सैनिक अड्डे पर कर्मियों को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने कहा कि हासीमारा में राफेल विमानों को सुनियोजित रूप से तैनात किया गया है और ऐसा पूर्वी क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को मजबूत करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए किया गया है। वायुसेना द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक हासीमारा में राफेल विमानों के आगमन के मौके पर एक फ्लाईपास्ट भी किया गया जिसके बाद परंपरागत रूप से नए लड़ाकू विमान को पानी की बौछार से सलामी दी गई।
Air Chief Marshal RKS Bhadauria, CAS formally inducted Rafale aircraft into No. 101 Sqn at AFS Hasimara in Eastern Air Command (EAC) on 28 Jul. The event included a flypast and a traditional water cannon salute. pic.twitter.com/kdENCcwyR3
— Indian Air Force (@IAF_MCC) July 28, 2021
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि भारत को फ्रांस की कंपनी दसां एविएशन से अब तक 36 में से 26 राफेल लड़ाकू विमान मिल चुके हैं। भदौरिया ने हासीमारा में अपने भाषण में 101 स्क्वाड्रन के स्वर्णिम इतिहास को याद किया जिसने 'फाल्कन्स ऑफ चंबा और अखनूर' का शीर्षक हासिल किया है।
राफेल विमानों की पहली स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पर तैनात है। भारत द्वारा लगभग 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लगभग चार साल बाद, अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप 29 जुलाई, 2020 को भारत पहुंची थी।
क्यों अहम है यह तैनाती
भारतीय वायु सेना ने पश्चिम बंगाल के हासीमारा वायुसैनिक अड्डे पर पूर्वी वायु कमान की 101 स्क्वाड्रन में औपचारिक तौर पर राफेल लड़ाकू विमानों को शामिल किया है। चीन के साथ तनाव के लिहाज से यह कदम काफी अहम है, क्योंकि यह भूटान से निकटता के कारण भारतीय वायु सेना के संचालन के लिए एक रणनीतिक आधार है। चुम्बी घाटी तिब्बत के शिगात्से विभाग में स्थित एक घाटी है। यह उस स्थान पर स्थित है जहां भारत के सिक्किम राज्य, भूटान और तिब्बत तीनों की सीमाएं मिलती हैं और यह डोकलाम के भी करीब है। कूटनीतिक दृष्टि से 3000 मीटर पर स्थित चुम्बी घाटी का बहुत महत्व रहा है क्योंकि भारत पर तिब्बत से आक्रमण करने का यह एक आसान मार्ग है। इसलिए यह तैनाती अब काफी अहम है।