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हॉट स्प्रिंग, डेप्सांग एवं गोगरा से सैनिक हटाइए...9 घंटे की सैन्य वार्ता में भारत का चीन को दो टूक जवाब

भारत ने चीन से कड़े शब्दों में कहा है कि वह हॉट स्प्रिंग, डेप्सांग एवं गोगरा इलाकों में तैनात सैनिकों को तुरंत हटाए और मई 2020 से पूर्व की स्थिति बहाल करे। दोनों देशों के बीच शनिवार सुबह हुई शीर्ष...

Shankar Pandit हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीSun, 1 Aug 2021 05:54 AM
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भारत ने चीन से कड़े शब्दों में कहा है कि वह हॉट स्प्रिंग, डेप्सांग एवं गोगरा इलाकों में तैनात सैनिकों को तुरंत हटाए और मई 2020 से पूर्व की स्थिति बहाल करे। दोनों देशों के बीच शनिवार सुबह हुई शीर्ष सैन्य कमांडरों की 12वीं बैठक में भारत की तरफ से मजबूती से इस बात को उठाया गया है। सेना के सूत्रों ने कहा कि दोनों देशों के बीच तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह 10.30 बजे मोल्डो में बैठक आरंभ हुई, जो शाम 7:30 बजे खत्म हो गई। सूत्रों ने कहा कि सोमवार को इस सिलसिले में एक संयुक्त बयान जारी किया जा सकता है। बैठक में भारत का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं। इसके अलावा विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। चीन की तरफ से मेजर जनरल स्तर का अधिकार शामिल है।

सैनिकों की वापसी पर जोर
फरवरी में पेंगोंग एवं अन्य इलाकों से दोनों देशों के सैनिकों के वापसी के बावजूद एलएसी पर कई स्थानों पर अब भी विवाद की स्थिति बनी हुई है। हॉट स्प्रिंग्स, डेप्सांग एवं गोगरा इलाकों में चीन के सैनिक अब भी डटे हुए हैं। बैठक में इन स्थानों से सैनिकों की वापसी को लेकर भारत की तरफ से जोर दिया जा रहा है। हालांकि पेंगोंग, इलाके में भी मई 2020 से पूर्व की स्थिति की बहाली पर भारत की तरफ से बार-बार कहा गया है। सैनिकों के हटने के बावजूद वहां पेटोलिंग अभी भी बंद है। इन सब बिन्दुओं का समाधान तलाश करने के लिए करीब चार महीने के अंतराल के बाद यह बैठक हुई है।

सकारात्मक समाधान निकलने की उम्मीद
भारत की तरफ से यह कोशिश हो रही थी कि हर महीने कम से एक बैठक हो, लेकिन चीन की तरफ से इसमें विलंब किया जा रहा था। विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष यह मुद्दा रखा गया था। उसके दो सप्ताह के बाद यह बैठक तय हुई है। इसलिए यह माना जा रहा है कि विवादों का सकारात्मक समाधान इसमें निकल सकता है। बता दें कि 14 जुलाई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से करीब एक घंटे बैठक की थी।

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