कुछ दिनों में बढ़ सकता है गर्मी का प्रकोप, तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की हो सकती है बढ़ोतरी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले कुछ दिनों में उत्तर पश्चिमी, पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी। सोमवार को जारी आईएमडी...
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले कुछ दिनों में उत्तर पश्चिमी, पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी। सोमवार को जारी आईएमडी बुलेटिन के अनुसार, इन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान लगभग 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है जिसके साथ हीट वेव (गर्म हवाएं चलने) जैसी स्थिति हो सकती है। 9 और 10 मई को उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में गरज के साथ तेज़ बारिश हो सकती है, जिससे थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
लेकिन उससे पहले, अगले दो दिनों में विदर्भ, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में शुष्क हवाओं के चलते गर्मी बढ़ेगी। आईएमडी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक चरण सिंह ने बताया कि दिल्ली में, अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी, लेकिन हम यह नहीं बता पाएंगे कि हीट वेव की स्थिति क्या होगी। गुजरात, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में तीव्र ताप हो सकता है। ओडिशा और झारखंड में अगले दो से तीन दिनों में गर्म हवाएं चल सकती है।
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चरण सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में चक्रवात फेनी के कारण 4 मई तक बंगाल की खाड़ी से नरम हवाएं उत्तर-पूर्व, पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में फैली थीं। समुद्र की नमी होने पर अधिकतम तापमान बहुत अधिक नहीं बढ़ा। जैसे ही चक्रवात फेनी कमजोर हुआ और उसकी दिशा बदली उत्तर-पश्चिमी हवाएं (अफगानिस्तान और पाकिस्तान से) बहने लगी हैं। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से किसी भी नमी के अभाव में उत्तर-पश्चिम, मध्य और यहां तक कि पूर्वी भारत में गर्मी बढ़ेगी।
उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में एक और ग्रीष्मकालीन विशेषता देखी जा सकती है: धूल (या रेत) तूफान।
मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार, शुष्क परिस्थितियों के कारण अगले कुछ दिनों के दौरान राजस्थान में 'धूल भरी हवाएं' चलेंगी। 9 और 10 मई को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश और राजस्थान में तेज हवाओं के साथ आंधी या धूल भरी आंधी आ सकती है।
सोमवार को भी फेनी का प्रभाव मौसम में देखने को मिला। 6 मई को चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस, रोहतक में 39.9 डिग्री सेल्सियस, अमृतसर में 39.4 डिग्री सेल्सियस, ग्वालियर में 41 डिग्री सेल्सियस, लखनऊ में 40.4 डिग्री सेल्सियस, इलाहाबाद में 42.2 डिग्री सेल्सियस, अहमदाबाद में 40.4 डिग्री सेल्सियस और दिल्ली में 39.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं और अरब सागर से दक्षिणपूर्वी हवाओं के चलते राजस्थान, गुजरात और मध्य भारत के अन्य हिस्सों में तापमान में गिरावट देखी गई। अब उत्तर-पश्चिम से शुष्क और गर्म हवाएं उत्तर पश्चिमी, मध्य और पूर्वी भारत में जारी रहेंगी। एक निजी फोरकास्टर (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) स्काईमेट वेदर में वाइस प्रेसिडेंट महेश पलावत ने कहा कि अगले दो से तीन दिनों में अधिकतम तापमान में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि 9 मई के बाद कुछ प्री-मॉनसून गतिविधियां होंगी, जिसके दौरान गर्मी का प्रकोप थम जाएगा। आईएमडी विश्लेषण के अनुसार, मार्च और अप्रैल में प्री-मॉनसून वर्षा 59.6 मिमी की लंबी अवधि के औसत (एलपीए) से 27% कम रही है।
पालावत ने कहा कि पूर्वी चक्रवाती तूफान फेनी के चलते हुई बारिश ने पूर्वी भारत और आंध्र प्रदेश में कम बारिश से होने वाले घाटे की भरपाई की है, लेकिन देश के बाकी हिस्सों में सूखा बना हुआ है।
पिछले हफ्ते, आईएमडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कमजोर एल नीनो की स्थिति भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर पर बनी हुई है। एल नीनो एक मौसम की घटना है जो भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में गर्म समुद्र के तापमान की विशेषता है। अल नीनो वर्ष आमतौर पर कमजोर मानसून और भारत में गर्मी की लहरों के अधिक एपिसोड का मतलब है।