कोविड और वैक्सिनेशन के बाद कम हो गई इम्युनिटी, बढ़ गया बीमारियों का खतरा; AIIMS की एक्सपर्ट का दावा
एम्स की डॉ. शिल्पा ने दावा किया है कि कोविड से ठीक होने के बाद और वैक्सिनेशन के बाद लोगों की इम्युनिटी कम हो रही है जिससे वायरल इन्फेक्शन और अन्य बीमारियां बढ़ गई हैं।
कोरोना भले ही अब खत्म हो गया हो लेकिन इसके प्रभाव अब भी देखने को मिल रहे हैं। AIIMS की पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. शिल्पा शर्मा का कहना है कि कोविड से ठीक हुए लोगों को भी कम हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता की वजह से कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें वायरल इन्फेक्शन, स्किन एलर्जी, पित्ताशय में दिक्कत शामिल हैं।
डॉ. शिल्पा ने कहा, कोरोना और फिर वैक्सिनेशन के बाद लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है जिसकी वजह से अकसर वायरल इन्फेक्शन और जुकाम की समस्या लोगों में बनी रहती है। अब यह 3 से चार दिनों में ठीक भी नहीं होता बल्कि सामान्य से ज्यादा समय ले लेता है। लोगों में अपेंडिसाइटिस की समस्या ज्यादा हो रही है। इसके अलावा कोलेसिस्टाइटिस और जलन की समस्या भी बढ़ गई है। इसके अलावा आर्टेकेरिया जैसी एलर्जी भी ज्यादा होती है।
डॉ, शिल्पा ने कहा कि डिहाइड्रेशन की वजह से क्लॉट बनने के माले भी बढ़े हैं। उन्होंने कहा, आप सुनते होंगे कि जिम में अचनाक हार्ट अटैक आ गया। पानी की कमी होने की वजह से क्लॉट बन जाते हैं और इस वजह से हार्ट अटैक आ जाता है। वहीं डॉ. शिल्पा ने प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड की जरूर को लेकर कहा कि यह बच्चे के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि गर्भधारण से कम से कम तीन महीने पहले से ही मां को फोलिक एसिड लेना शुरू कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा, दूसरे बच्चे के लिए महिलाओं को फोलिक एसिड लेते रहना चाहिए और कम से कम दो साल का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई मां फोलिक एसिड का इस्तेमाल नहीं करती है तो उनके बच्चे में जन्मजात समस्याओं का खतरा बना रहता है। डॉ. शिल्पा ने कहा कि सरकार लोगों को फ्री में फोलिक एसिड देते ही। हालांकि बहुत सारे लोग इसे फेंक देते हैं और इस्तेमाल नहीं करते। कुछ लोग कहते हैं कि यह टेस्ट में अच्छी नहीं है या फिर दवा लेने से बच्चों में दिक्कत आ जाएगी। इस तरह की सोच से बाहर आना है और हर किसी को प्रेग्नेंसी के दौरान या फिर पहले से ही फोलिक एसिड लेने की सलाह दी जाती है।