JEE या GATE स्कोर पूछना गलत... IIT बॉम्बे को क्यों जारी करने पड़े नए नियम
इस साल फरवरी में आरक्षित वर्ग से आने वाले बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की आत्महत्या मामले में हंगामे के बाद आईआईटी बॉम्बे को भेदभाव विरोधी दिशानिर्देश जारी करने पड़े।
इस साल फरवरी में आरक्षित वर्ग से आने वाले बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की आत्महत्या मामले में हंगामे के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे को भेदभाव विरोधी दिशानिर्देश जारी करने पड़े। दिशानिर्देशों में साफ किया गया है कि क्या करें और क्या न करें? छात्रों को ऐसे सवाल पूछने पर पाबंदी लगाई गई जिससे दूसरे की जाति का पता लगे। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि अन्य छात्रों से उनके जेईई या GATE स्कोर के बारे में पूछना "अनुचित" है, क्योंकि इससे उसकी जाति का पता भी चल सकता है।
IIT बॉम्बे ने बीटेक फर्स्ट ईयर के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के बाद परिसर में कथित तौर पर जाति-आधारित भेदभाव से बचने के लिए अपने छात्रों को निर्देशित किया है। निर्देशों में साफ किया गया है कि किसी से उसके जेईई या GATE स्कोर के बारे में पूछना "अनुचित" है। नए शैक्षणिक वर्ष से पहले संस्थान द्वारा सार्वजनिक किए गए भेदभाव-विरोधी दिशानिर्देशों पर अधिसूचना में कहा गया है कि रैंक पूछना "जाति का पता लगाने का प्रयास और भेदभाव के लिए मंच तैयार कर सकता है"।
क्या कहती है गाइडलाइन
दिशा-निर्देशों को परिसर में विभिन्न स्थानों, छात्रों को बांटने के अलावा छात्रावास की दीवारों पर भी लगाई गई है। इसमें लिखा है, “आईटी बॉम्बे किसी साथी छात्र से यह पूछना अनुचित मानता है कि वे किस जन्म/प्रवेश श्रेणी से संबंधित हैं। यह पूछने से पूर्वाग्रह पैदा हो सकता है। छात्रों के लिए अन्य छात्रों से उनके जेईई (एडवांस्ड) रैंक या गेट स्कोर, या किसी अन्य जानकारी के बारे में पूछना भी उतना ही अनुचित है जो जाति या अन्य संबंधित पहलुओं को प्रकट कर सकता है।”
चुटकलों पर भी रहे ध्यान
आईआईटी बॉम्बे के अधिकारियों ने छात्रों से यह भी कहा है कि वे अपमानजनक, घृणास्पद, जातिवादी, लिंगवादी और कट्टरता प्रदर्शित करने वाले चुटकुलों सहित किसी भी संदेश को न भेंजे। भेदभाव-विरोधी दिशानिर्देशों में कहा गया है, "इसे उत्पीड़न या धमकाने के रूप में माना जा सकता है।"
क्या कहते हैं आईआईटी के छात्र
छात्रों के अनुसार, यह पहली बार है जब संस्थान वास्तव में परिसर में भेदभाव के बारे में बात कर रहा है। एक छात्र ने कहा कि अब भी दंड परिभाषित नहीं हैं लेकिन “भेदभाव विरोधी जागरूकता अब तक शिकायत निवारण के बारे में अधिक रही है कि विभिन्न प्रकार के भेदभाव के तहत शिकायत के मामले में कहां संपर्क किया जाए? लेकिन इस प्रकार की संवेदनशीलता के रूप में नहीं।'' एक अन्य छात्र ने कहा, “कुछ दिशानिर्देश हमेशा नए विद्यार्थियों के ओरिएंटेशन सत्र के दौरान मौखिक रूप से बताए गए थे, सभी छात्रों के लिए नहीं। इसके अलावा, रैंक चर्चा से बचने का यह विशिष्ट अनुरोध पहले के सीनियर्स के माध्यम से बताया जाता था, लेकिन अब इसे औपचारिक बनाया जा रहा है।
गौरतलब है कि बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र गुजरात निवासी दर्शन सोलंकी ने छात्रावास की इमारत से कूदकर आत्महत्या कर दी थी। उसके परिवार ने आरोप लगाया था कि जब उसके सहपाठियों को पता चला कि वह एससी वर्ग से है, तो उसके सहपाठियों का व्यवहार बदल गया। जिससे दर्शन लगातार डिप्रेशन में चला गया और आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हुआ।
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