रामदेव को दिक्कत नहीं तो रहमान को क्यों? कांवड़ रूट पर नेमप्लेट के समर्थन में उतरे योगगुरु
कांवड़ रूट में दुकानदारों द्वारा नेमप्लेट लगाए जाने को अनिवार्य किए जाने पर योगगुरु रामदेव ने कहा कि अगर अपना नाम बताने में रामदेव को दिक्कत नहीं है तो रहमान को क्या परेशानी है।
यूपी और उत्तराखंड सरकार के कांवड़ यात्रा रूट की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के फैसले पर जमकर सियासत हो रही है। इसी बीच योग गुरु रामदेव ने बीजेपी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। रामदेव ने कहा कि हर किसी को उसके नाम पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर रामदेव को अपनी पहचान बताने पर कोई आपत्ति नहीं है तो फिर रहमान को क्या दिक्कत है?
रामदेव ने रविवार को कहा, सभी को अपने नाम पर गर्व होना चाहिए। अपना नाम छिपाने की जरूरत नहीं है। बस अपने काम में शुद्धता लाने की जरूरत है। अगर हमारा काम साफ है तो यह मायने नहीं रखता कि हम हिंदू हैं या मुसलमान। बता दें कि उत्तराखंड और यूपी सरकार के आदेश के बाद अब उज्जैन नगर निगम ने भी दुकानदारों से अपनी नेमप्लेट लगाने को कहा है। उज्जैन के मेयर मुकेश तटवाल ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले पर पहले 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अगर फिर भी कोई नियम को नहीं मानता है तो 5 हजार रुपये का जुर्माना होगा।
उन्होंने कहा, उज्जैन एक धार्मिक नगरी है और यहां श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि वह किस दुकानदार से सेवा ले रहे हैं। अगर किसी भी ग्राहक के साथ धोखा होता है तो उसे उस दुकानदार के बारे में पता होना चाहिए जिससे कि वह शिकायत कर सके। इस फैसले को लेकर विपक्ष विरोध कर रहा है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजनीतिक दल देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं और मुसलमानों के प्रति नफरत फैला रहे हैं।
सीपीाई (M) नेता बृंदा करात ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, यूपी की सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है। ऐसे में एक पूरे समुदाय पर अत्याचार कियाजा रहा है। वे समाज को बांटने की कोशिश में लगे हैं। जर्मनी ने नाजी इसी तरह का काम करते थे। मैं इसकी निंदा करती हू्ं। वहीं पश्चिम बंगाल में भाजपा चीफ सुकांता मजूमदार ने कहा कि मुलायम और अखिलेश सरकार के समय इस तरह के नोटिफिकेशन जारी किए गए थे।