'अब हैदराबाद-दिल्ली मार्ग पर होगा बालासोर जैसा हादसा', गुमनाम पत्र से मचा हड़कंप
अधिकारियों ने पत्र के बारे में तेलंगाना पुलिस को सूचित कर दिया है। सूत्रों ने कहा, 'पत्र पिछले सप्ताह डाक से प्राप्त हुआ था। इसे आगे की कार्रवाई के लिए राज्य खुफिया विभाग को सौंप दिया गया है।'
दक्षिण-मध्य रेलवे (SCR) को हाल ही में 'हैदराबाद-दिल्ली-हैदराबाद' रेलमार्ग पर बालासोर जैसी ट्रेन दुर्घटना की चेतावनी देने वाला अनाम पत्र मिला है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। दक्षिण-मध्य रेलवे के सिकंदराबाद डिवीजन के मंडल रेलवे प्रबंधक को यह लेटर लिखा गया है। इस पत्र में 'हैदराबाद-दिल्ली-हैदराबाद' मार्ग पर अगले हफ्ते बालासोर जैसी ट्रेन दुर्घटना होने की आशंका जताई गई है। 30 जून 2023 को लिखा गया यह पत्र पिछले सप्ताह डाक से प्राप्त हुआ।
एससीआर अधिकारियों ने पत्र के बारे में तेलंगाना पुलिस को सूचित कर दिया है। एससीआर के सूत्रों ने कहा, 'पत्र पिछले सप्ताह डाक से प्राप्त हुआ था। इसे आगे की कार्रवाई के लिए राज्य खुफिया विभाग को सौंप दिया गया है।' वहीं, बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना की जांच के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति ने पाया है कि हादसे की मुख्य वजह गलत सिग्नलिंग थी। समिति ने इस मामले में सिग्नलिंग और दूरसंचार (एस एंड टी) विभाग में कई स्तरों पर चूक को रेखांकित किया है। साथ ही संकेत दिया कि अगर पिछली चेतावनी को ध्यान में रखा जाता, तो त्रासदी से बचा जा सकता था।
बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर जांच रिपोर्ट
रेलवे सुरक्षा आयोग की ओर से रेलवे बोर्ड को सौंपी गई स्वतंत्र जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नलिंग कार्य में खामियों के बावजूद कुछ गलतियां हुईं। अगर दुर्घटना स्थल बाहानगा बाजार के स्टेशन प्रबंधक ने एस एंड टी कर्मचारियों को दो समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विचों के बार-बार असामान्य व्यवहार की सूचना दी होती, वे उपचारात्मक कदम उठा सकते थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाहानगा बाजार स्टेशन पर लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर 'इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर' को बदलने के लिए स्टेशन-विशिष्ट अनुमोदित सर्किट डायग्राम की आपूर्ति न करना गलत कदम था, जिसके कारण गलत वायरिंग हुई।
रिपोर्ट के अनुसार, फील्ड पर्यवेक्षकों की एक टीम ने वायरिंग डायग्राम में बदलाव किया और इसे दोहराने में विफल रही। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गलत वायरिंग और केबल की खराबी के कारण 16 मई, 2022 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बंकरनयाबाज स्टेशन पर भी ऐसी ही घटना हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस घटना के बाद गलत वायरिंग की समस्या को दूर करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए गए होते, तो बाहानगा बाजार में दुर्घटना नहीं होती। ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा बाजार के निकट 2 जून को हुई दुर्घटना में 292 लोगों की मौत हो गई थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।